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आधुनिक काल

आर्य भारत की रचनाएँ

तुम्हारी आँखों के ज्यामितीय बॉक्स में  तुम्हारी आँखों के ज्यामितीय बॉक्स में, मेरे जिस्म के जंगल से तुम्हारी रूह की राजधानी तक के सफर के… Read More »आर्य भारत की रचनाएँ

आराधना शुक्ला की रचनाएँ

किस दुनिया से आये हो तुम किस दुनिया से आये हो तुम पाषाणों में जीवन भरने जूठे जल से किया आचमन जप टूटी बैजंती माला… Read More »आराधना शुक्ला की रचनाएँ

आरसी प्रसाद सिंह की रचनाएँ

चाँद को देखो चाँद को देखो चकोरी के नयन से माप चाहे जो धरा की हो गगन से। मेघ के हर ताल पर नव नृत्य… Read More »आरसी प्रसाद सिंह की रचनाएँ

आरज़ू लखनवी की रचनाएँ

हमारा ज़िक्र जो ज़ालिम की अंजुमन में नहीं हमारा ज़िक्र जो ज़ालिम को अंजुमन में नही। जभी तो दर्द का पहलू किसी सुख़न में नहीं॥… Read More »आरज़ू लखनवी की रचनाएँ

आरसी चौहान की रचनाएँ

रैदास की कठौत रख चुके हो क़दम सहस्त्राब्दि के दहलीज़ पर टेकुरी और धागा लेकर उलझे रहे मकड़जाल के धागे में और बुनते रहे अपनी… Read More »आरसी चौहान की रचनाएँ

आर.पी. सारस्वत की रचनाएँ

तितली का घर सज-धज करके कैसी आई, मैडम बटर फ्लाई। इस डाली से उस डाली तक झट से उड़कर जाती, फूल-फूल के पास पहुँचकर हँस-हँसकर… Read More »आर.पी. सारस्वत की रचनाएँ

आरती मिश्रा की रचनाएँ

आवाज़ दो ढाई बजे रातजब सब सो रहे हैंकुत्ते भीमेरा मन करता हैज़ोर की आवाज़ लगाऊँदसों दिशाओं को कँपा देनेवाली आवाज़चुप्पियों को चीरकर रख देनेवालीचाँद… Read More »आरती मिश्रा की रचनाएँ

शहरयार की रचनाएँ

ख़्वाब का दर बंद है  मेरे लिए रात ने आज फ़राहम किया एक नया मर्हला । नींदों ने ख़ाली किया अश्कों से फ़िर भर दिया… Read More »शहरयार की रचनाएँ

आरती कुमारी की रचनाएँ

आँधी चली थी शम्आ बुझाने तमाम रात आँधी चली थी शम्आ बुझाने तमाम रात जलते रहे थे ख़्वाब सुहाने तमाम रात यूँ मेरे दर्दे दिल… Read More »आरती कुमारी की रचनाएँ

आरती तिवारी की रचनाएँ

स्वागत नई सदी का स्वागत इस विश्वास के साथ नष्ट हो जायेगा वो कूड़ा करकट जो सड़ाता रहा सभ्यता के,विराट खजाने जीवाश्म बन चुकी दफ़्न… Read More »आरती तिवारी की रचनाएँ