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आधुनिक काल

अली अकबर नातिक़ की रचनाएँ

बे यक़ीन बस्तियाँ वो इक मुसाफ़िर था जा चुका है बता गया था कि बे-यक़ीनों की बस्तियों में कभी न रहना कभी न रहना कि… Read More »अली अकबर नातिक़ की रचनाएँ

अलका सिन्हा की रचनाएँ

नये वर्ष की पहली कविता नए वर्ष की पहली कविता का इंतज़ार करना जैसे उत्साह में भरकर सुबह-शाम नवजात शिशु के मसूढ़े पर दूध का… Read More »अलका सिन्हा की रचनाएँ

अलका सर्वत मिश्रा की रचनाएँ

ज़िन्दगी जीने की कला  ज़िन्दगी जीने की कला सिखाना भूल गए मुझे मेरे बुजुर्ग। मैंने देखा लोगों ने बिछाए फूल मेरी राहों में, प्रफुल्लित थी… Read More »अलका सर्वत मिश्रा की रचनाएँ

अलका वर्मा की रचनाएँ

खुश रहो  कहना बहुत आसान होता है खुश रहो। जो चला गया वह तेरा नहीं था खुश रहो। जीने के लिए एक पल प्यार काफी… Read More »अलका वर्मा की रचनाएँ

अलका मिश्रा की रचनाएँ

तेरा ही आस्ताना चाहती हूँ तेरा ही आस्ताना चाहती हूँ यहीं धूनी रमाना चाहती हूँ है मेरी रूह इक गहरा समंदर सो ख़ुद में डूब… Read More »अलका मिश्रा की रचनाएँ

‘अर्श’ सिद्दीक़ी की रचनाएँ

बंद आँखों से न हुस्न-ए-शब का बंद आँखों से न हुस्न-ए-शब का अंदाज़ा लगा महमिल-ए-दिल से निकल सर को हवा ताज़ा लगा देख रह जाए… Read More »‘अर्श’ सिद्दीक़ी की रचनाएँ

अर्श मलसियानी की रचनाएँ

कुछ शेर-1 (1) जिन्दगी कशमकशे-1इश्क के आगाज2 का नाम, मौत अंजाम है इसी दर्द के अफसाने का। (2) जिस गम से दिल को राहत हो, उस… Read More »अर्श मलसियानी की रचनाएँ

अर्पिता राठौर की रचनाएँ

बून्दें गहरे सागर को छोड़, भाग आई हैं कुछ बून्दें यहाँ… जो सरोकार रखतीं है अपने एक-एक क्षण से क्षणभंगुरता से नहीं… सुनो मधुमालती !… Read More »अर्पिता राठौर की रचनाएँ

अर्पित शर्मा ‘अर्पित’ की रचनाएँ

जहाँ में आज कल सभी बहम, नाराज़ रहते है जहाँ में आज कल सभी बहम, नाराज़ रहते है हमारी जान हम तुमसे तो कम, नाराज़… Read More »अर्पित शर्मा ‘अर्पित’ की रचनाएँ

अर्पित ‘अदब’ की रचनाएँ

वेदना के गीत पूरे हो रहे हैं वेदना के गीत पूरे हो रहे हैं लग रहा है सुर सजाने आओगे तुम, या कभी दो बात… Read More »अर्पित ‘अदब’ की रचनाएँ