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आधुनिक काल

त्रिलोकचन्‍द महरूम की रचनाएँ

जय हिन्‍द पैदा उफ़क़े –हिन्‍द से हैं सुबह के आसार है मंज़िले-आखिर में ग़ुलामी की शबे-तार आमद सहरे-नौ की मुबारक हो वतन को पामाले –… Read More »त्रिलोकचन्‍द महरूम की रचनाएँ

त्रिलोक महावर की रचनाएँ

बस्ता बस्ता बहुत भारी था ढोते-ढोते एक महीने में बेटी का वज़न घट गया इंग्लिश स्कूल के स्टैंडर्ड फर्स्ट में पढ़ते-पढ़ते दो बार लगाई गई… Read More »त्रिलोक महावर की रचनाएँ

त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ

विदेशी वस्त्र सितमगर की हस्ती मिटानी पड़ेगी, हमें अपनी करके दिखानी पड़ेगी। कभी उफ़ न लाएंगे अपनी जुबां पर, मुसीबत सभी कुछ उठानी पड़ेगी। बहुत… Read More »त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ

त्रिभवन कौल की रचनाएँ

बेचारा आम आदमी गाँधी जी के तीन बंदरतीनो मेरे अन्दरकुलबुलाते हैंबुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहोपर देखता हूँ, सुनता हूँ, कहता हूँI… Read More »त्रिभवन कौल की रचनाएँ

त्रिपुरारि कुमार शर्मा की रचनाएँ

आज़ादी जुबां तुम काट लो या फिर लगा दो होंठ पर ताले मिरी आवाज़ पर कोई भी पहरा हो नहीं सकता मुझे तुम बन्द कर… Read More »त्रिपुरारि कुमार शर्मा की रचनाएँ

शहंशाह आलम की रचनाएँ

अभी-अभी  अभी-अभी एक शब्द जनमा उस बच्चे के मुँह से माँ से जनमी एक पूरी भाषा समृद्ध अभी-अभी यह समय था तुम्हारा अब हुआ किसी… Read More »शहंशाह आलम की रचनाएँ

अमन चाँदपुरी की रचनाएँ

क्षणिकाएँ  बोरसी पुसोॅ मेॅ कोहोॅ के आगू रात भर डरी-डरी जलै छै बोरसी सोची केॅ सब केॅ जाड़ोॅ सेॅ बचौइयै कि खुद केॅ । परिवार… Read More »अमन चाँदपुरी की रचनाएँ

अमजद हैदराबादी की रचनाएँ

नालए-जाने-ख़स्ता जाँ नालए-जाने-ख़स्ता-जाँ[1], अर्शेबरींपै[2] जाये क्यों? मेरे लिए ज़मीन पर साहबे-अर्श[3] आये क्यों? नूरे-ज़मीं-ओ-आसमाँ, दीदये-दिल में आये क्यों? मेरे सियाह-ख़ाने में कोई दिया जलाये क्यों? ज़ख़्म को… Read More »अमजद हैदराबादी की रचनाएँ

अमजद इस्लाम अमजद की रचनाएँ

आईनों में अक्स न हों तो आईनों में अक्स न हों तो हैरत रहती है जैसे ख़ाली आँखों में भी वहशत रहती है हर दम… Read More »अमजद इस्लाम अमजद की रचनाएँ

अभिषेक शुक्ला की रचनाएँ

अब इख़्तियार में मौजें न ये रवानी है अब इख़्तियार में मौजें न ये रवानी है मैं बह रहा हूँ कि मेरा वजूद पानी है… Read More »अभिषेक शुक्ला की रचनाएँ