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अमजद हैदराबादी

अमजद हैदराबादी की रचनाएँ

नालए-जाने-ख़स्ता जाँ नालए-जाने-ख़स्ता-जाँ[1], अर्शेबरींपै[2] जाये क्यों? मेरे लिए ज़मीन पर साहबे-अर्श[3] आये क्यों? नूरे-ज़मीं-ओ-आसमाँ, दीदये-दिल में आये क्यों? मेरे सियाह-ख़ाने में कोई दिया जलाये क्यों? ज़ख़्म को… Read More »अमजद हैदराबादी की रचनाएँ