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आधुनिक काल

हसरत मोहानी की रचनाएँ

वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई  वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई मैं बे-क़सूर भी कह दूँ… Read More »हसरत मोहानी की रचनाएँ

हरिराज सिंह ‘नूर’ की रचनाएँ

जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी। ऐसे में मेरी भी उनसे, बात हुई है प्यारी।… Read More »हरिराज सिंह ‘नूर’ की रचनाएँ

‘हफ़ीज़’ बनारसी की रचनाएँ

दिल की आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए  दिल की आवाज़ में आवाज़ मिलाते रहिए जागते रहिए ज़माने को जगाते रहिए दौलत-ए-इश्‍क़ नहीं बाँध के रखने… Read More »‘हफ़ीज़’ बनारसी की रचनाएँ

शबीना अदीब ग़ज़लें/गीत

तुम मुझे छोड़ के मत जाओ मेरे पास रहो  तुम मुझे छोड़ के मत जाओ मेरे पास रहो, दिल दुखे जिससे अब ऐसी न कोई… Read More »शबीना अदीब ग़ज़लें/गीत

हिमांशु पाण्डेय की रचनाएँ

क्यों रह रह कर याद मुझे आया करते हो? नीरवता के सांध्य शिविर में आकुलता के गहन रूप में उर में बस जाया करते हो… Read More »हिमांशु पाण्डेय की रचनाएँ

शबाना यूसफ़ ग़ज़लें

है कोई दर्द मुसलसल रवाँ-दवाँ मुझ में है कोई दर्द मुसलसल रवाँ-दवाँ मुझ में बना लिया है उदासी ने इक मकाँ मुझ में मिला है… Read More »शबाना यूसफ़ ग़ज़लें

हेमन्त शेष की रचनाएँ

दूसरा दर्ज़ा दोपहर का वक़्त था वह पर ठीक दोपहर जैसा नहीं, नदी जैसी कोई चीज़ भागती हुई खिड़की से बाहर सूख रही थी पुलों… Read More »हेमन्त शेष की रचनाएँ

शबनम शकील की रचनाएँ

आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता  आईन-ए-वफा इतना भी सादा नहीं होता हर बार मसर्रत का इआदा नहीं होता ये कैसी सदाकत है कि पर्दो… Read More »शबनम शकील की रचनाएँ

शचीन्द्र भटनागर की रचनाएँ

चाहत दिवस मास बीतते रहे रंग और गुलाल के लिए चाहत थी सुबह दोपहर कभी रंगभरा ! क्षण हमें मिले चट्टानों बीच किसी सन्धि में कोई… Read More »शचीन्द्र भटनागर की रचनाएँ