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आधुनिक काल

ज़फ़र ताबिश की रचनाएँ

आँगन-आँगन जारी धूप आँगन-आँगन जारी धूप मेरे घर भी आरी धूप क्या जाने क्यूँ जलती है सदियों से बिचारी धूप किस के घर तू ठहरेगी… Read More »ज़फ़र ताबिश की रचनाएँ

ज़फ़र गोरखपुरी की रचनाएँ

अब के साल पूनम में, जब तू आएगी मिलने अब के साल पूनम में, जब तू आएगी मिलने हम ने सोच रखा है रात यूँ… Read More »ज़फ़र गोरखपुरी की रचनाएँ

ज़फ़र अज्मी की रचनाएँ

आ के जब ख़्वाब तुम्हारे ने कहा बिस्मिल्लाह आ के जब ख़्वाब तुम्हारे ने कहा बिस्मिल्लाह दिल मुसाफ़िर थके हारे ने कहा बिस्मिल्लाह हिज्र की… Read More »ज़फ़र अज्मी की रचनाएँ

ज़फर अनवर की रचनाएँ

ज़हर-ए-ग़म दिल में समोने भी नहीं देता है ज़हर-ए-ग़म दिल में समोने भी नहीं देता है कर्ब-ए-एहसास को खोने भी नहीं देता है दिल की… Read More »ज़फर अनवर की रचनाएँ

ज़क़ी तारिक़ की रचनाएँ

बे-मकाँ मेरे ख़्वाब होने लगे  बे-मकाँ मेरे ख़्वाब होने लगे रत-जगे भी अज़ाब होने लगे हुस्न की महफ़िलों का वज़्न बढ़ा जब से हम बार-याब… Read More »ज़क़ी तारिक़ की रचनाएँ

जनार्दन राय की रचनाएँ

जीरादेई में चमके सितारा जीरादेई में चमके सितारा बनके राजेन्द्र भारत दुलारा। जीरादेई में चमके सितारा॥ दीनता, दासता-पाश में थी, छटपटाती रही भारत माता। तोड़ने… Read More »जनार्दन राय की रचनाएँ

जहीर कुरैशी

पप्पी करे शिकायत पापा के घर में घुसते ही बोल उठी पप्पी- पापा-पापा, आज हमें मम्मी ने मारा था। हम तो खेल रहे थे अपनी… Read More »जहीर कुरैशी

जलील मानिकपुरी की रचनाएँ

कुछ शे’र 1. अब क्या करूँ तलाश किसी कारवाँ को मैं, गुम हो गया हूँ पाके तेरे आस्ताँ[1] को मैं । 2. आज आँसू तुमने पोंछे… Read More »जलील मानिकपुरी की रचनाएँ

जलील आली की रचनाएँ

आँख में परतव-ए-महताब सलामत रह जाए आँख में परतव-ए-महताब सलामत रह जाए कोई सूरत हो कि इक ख़्वाब सलामत रह जाए रोज़ ढह जाए ये… Read More »जलील आली की रचनाएँ

जलज कुमार अनुपम की रचनाएँ

मैं मुस्कुराता हूँ कई दफा अपनों से छुपता हूँ छुपाता हूँ मैं मुस्कुराता हूँ जब कोई पहेली सुलझ जाती है या कोई रुठा अपना मान… Read More »जलज कुमार अनुपम की रचनाएँ