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आधुनिक काल

मंगत बादल की रचनाएँ

रेत री पुकार (कविता) थे कदी सुणी है- रेत री पुकार तिस मरती रेत री पाणी जठै एक सोवणो सुपनो है हारी-थाकी आंख्यां रो ।… Read More »मंगत बादल की रचनाएँ

मंजु लता श्रीवास्तव की रचनाएँ

पतझर पर कोंपल पतझर पर कोंपल संदेश लिख रहे माघ-अधर जीवन उपदेश लिख रहे डाल-डाल तरुवों पर सरगम के मधुर बोल आशा के पंथ नये… Read More »मंजु लता श्रीवास्तव की रचनाएँ

रोहिताश्व अस्थाना की रचनाएँ

लोमड़ी कितनी है चालाक लोमड़ी, खूब जमाती धाक लोमड़ी। सदा सफलता पाती है वह, नहीं छानती खाक लोमड़ी! भोली बनकर सबको ठगती, करती खूब मजाक… Read More »रोहिताश्व अस्थाना की रचनाएँ

रोहित ठाकुर की रचनाएँ

गोली चलाने से पलाश के फूल नहीं खिलते गोली चलाने से पलाश के फूल नहीं खिलते बस सन्नाटा टूटता है या कोई मरता है तुम… Read More »रोहित ठाकुर की रचनाएँ

रोहित आर्य की रचनाएँ

ईश्वर तू ही सृष्टि बनाने वाला, इसे चलाने वाला है, तू सबका रखवाला है धरती से लेकर अम्बर तक, तेरा खेल निराला है, तू सबका… Read More »रोहित आर्य की रचनाएँ

रोशन लाल ‘रौशन’ की रचनाएँ

पेड़ जितने सफ़र में घनेरे मिले पेड़ जितने सफ़र में घनेरे मिले उनके साए में बैठे लुटेरे मिले रौशनी में नहाए अँधेरे मिले शर्म से… Read More »रोशन लाल ‘रौशन’ की रचनाएँ

रैदास की रचनाएँ

रैदास के दोहे जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।। कृस्न, करीम, राम, हरि,… Read More »रैदास की रचनाएँ