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Hindi

कीर्त्तिनारायण मिश्र की रचनाएँ

जंगल-1 किसी अनजानी जगह में कोई अनजाना किससे राह पूछे जहाँ सबको अपनी-अपनी पड़ी हो वहाँ कौन किसकी बात सुने यहाँ सबने सीखी हुई है… Read More »कीर्त्तिनारायण मिश्र की रचनाएँ

शैलेश ज़ैदी की रचनाएँ

अदृश्य थे, मगर थे बहुत से सहारे साथ अदृश्य थे, मगर थे बहुत से सहारे साथ. निश्चिन्त हो गया हूँ कि तुम हो हमारे साथ.… Read More »शैलेश ज़ैदी की रचनाएँ

कीर्ति चौधरी की रचनाएँ

लता-1  बड़े-बड़े गुच्छों वाली सुर्ख़ फूलों की लतर : जिसके लिए कभी ज़िद थी — ’यह फूले तो मेरे ही घर !’ अब कहीं भी दिखती है… Read More »कीर्ति चौधरी की रचनाएँ

शैलेय की रचनाएँ

या (कविता)  हताश लोगों से बस एक सवाल हिमालय ऊँचा या बछेन्द्रीपाल ? पगडंडियां  भले ही नहीं लांघ पाये हों वे कोई पहाड़ मगर ऊंचाइयों का… Read More »शैलेय की रचनाएँ

कीरति कुमारी की रचनाएँ

वादा करके मेरे श्याम दग़ा दी तूने  वादा करके मेरे श्याम दग़ा दी तूने। गै़रों के रहके सारी रात गमा दी तूने॥ शाम से रात… Read More »कीरति कुमारी की रचनाएँ

किसलय बंद्योपाध्याय की रचनाएँ

खेल-खिलौने  छिन-छिनाकी बुबला-बू, मेले से लाया बिट्टू। ढम-ढम ढोलक, बाजी बीन, गांधी जी के बंदर तीन! सुनकर भालू की खड़ताल, नीलू-पीलू हैं बेहाल। उनका घर… Read More »किसलय बंद्योपाध्याय की रचनाएँ

किश्वर नाहिद की रचनाएँ

हौसला शर्ते वफ़ा क्या करना हौसला शर्त-ए-वफ़ा क्या करना बंद मुट्ठी में हवा क्या करना जब न सुनता हो कोई बोलना क्या क़ब्र में शोर… Read More »किश्वर नाहिद की रचनाएँ

किशोरचन्द्र कपूर ‘किशोर’ की रचनाएँ

दोहा / भाग 1 ‘ब्रज चन्द विनोद’ से सेवक गिरिजा नाथ का, मेरे मन यह आश। चींटी जैसे चाहती, उड़ जाऊँ आकाश।।1।। वैसे ही यह… Read More »किशोरचन्द्र कपूर ‘किशोर’ की रचनाएँ

शैलेन्द्र सिंह दूहन की रचनाएँ

आ अधरों पे तू ही तू है  हर मौसम की तू खुशबू है। आ अधरों पे तू ही तू है। तुझ बिन निश-दिन गहन तमी… Read More »शैलेन्द्र सिंह दूहन की रचनाएँ

किशोरकुमार कौशल की रचनाएँ

चंदा मामा, घर आ जाओ  चंदा मामा, चंदा मामा, मेरे घर आ जाओ मामा! चंदा मामा, चंदा मामा कहाँ तुम्हारा नया पजामा? ऊपर से मुसकाते… Read More »किशोरकुमार कौशल की रचनाएँ