भारतभूषण पंत की रचनाएँ
कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर मंज़िलें कब तक मिलेंगी रहगुज़र… Read More »भारतभूषण पंत की रचनाएँ
कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर मंज़िलें कब तक मिलेंगी रहगुज़र… Read More »भारतभूषण पंत की रचनाएँ
बाबा नागार्जुन की एक याद दिल्ली में रहते हुए भी बाबा कभी नहीं तुम आए बंगाली मार्केट गीता मन्दिर के सामने वाली गली में तुमने… Read More »भारत भारद्वाज की रचनाएँ
जब भी कोई पैकर देखो जब भी कोई पैकर देखो पहले उसके तेवर देखो मंज़र तक जाने से पहले मंज़र का पसमंज़र देखो जीने का… Read More »भरत दीप माथुरकी रचनाएँ
खिड़कियाँ खोल दो वक़्त के सामने दीवार बनकर खड़े मत रहो। लकीर के फ़क़ीर बनकर अड़े मत रहो। बन्दरिया के लिपटाये रहने से उसका मरा… Read More »भागीरथ मेघवाल की रचनाएँ
दाग़ चेहरे पर चेचक के दाग़ भले ही नहीं लगते हैं अच्छे मगर वे संत की तरह मन की व्यथा कहते हैं दाग़ हमेशा सामनेवालों… Read More »भागवतशरण झा ‘अनिमेष’ की रचनाएँ
बहुत बरदाश्त कर ली है मियां ये दुनियादारी क्या बहुत बरदाश्त कर ली है मियां ये दुनियादारी क्या जुनूं दिल में कफ़न सर पर सफ़र… Read More »भवेश दिलशाद की रचनाएँ
चलो गीत गाओ, चलो गीत गाओ चलो गीत गाओ, चलो गीत गाओ। कि गा – गा के दुनिया को सर पर उठाओ। अभागों की टोली… Read More »भवानीप्रसाद मिश्र की रचनाएँ
आधा है चंद्रमा, रात आधी आधा है चंद्रमा रात आधी रह न जाए तेरी मेरी बात आधी, मुलाक़ात आधी आधा है चंद्रमा… आस कब तक… Read More »भरत व्यास की रचनाएँ
मेरी मातृभूमि ओ मेरी विशाल और महान मातृभूमि मैं आज तुम्हारी ममतामयी धूल और मिट्टी को साष्टांग प्रणाम करता हूँ। सदा हरी-भरी तुम्हारी गोद प्रसन्न… Read More »भरत प्रसाद की रचनाएँ
सारे रंगों वाली लड़की-1 सारे रंगों वाली लड़की कहाँ हो? आम के पेड़ में अभी–अभी जागी कोयल धानी से रंग के बौर सब दिख रहे… Read More »भरत तिवारी की रचनाएँ