शाद अज़ीमाबादी की रचनाएँ
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं, नायाब हैं हम ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं, नायाब हैं हम ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-गम ऐ… Read More »शाद अज़ीमाबादी की रचनाएँ
ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं, नायाब हैं हम ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं, नायाब हैं हम ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-गम ऐ… Read More »शाद अज़ीमाबादी की रचनाएँ
बेटी का हाथ-1 तुम्हारा हाथ पकड़ना जैसे बेला के फूलों को लेना हाथों में जैसे दुनिया की सबसे छोटी नदी को महसूसना क़रीब जैसे छोटी… Read More »आशीष त्रिपाठी की रचनाएँ
व्यक्तिगत हम अनुभूति-सम्राट, अभिव्यक्ति-शून्य, सांध्य-प्रहरी | दिग्भ्रमित, गंतव्य-हीन, चिर प्रतीक्षित नयन, करते अरण्य-रोदन वन-केसरी | हम अनुभूति-सम्राट, अभिव्यक्ति-शून्य, सांध्य-प्रहरी | प्रति निशा, बोझिल नयन, बूढी… Read More »आशीष जोग की रचनाएँ
बासन्ती मनुहार तुम राधा का अमर प्रेम, हो कान्हा कि मनुहार तुम्हीँ, तुम्हीँ व्योम की अभिलाषा, हो धरती का श्रंगार तुम्हीँ। तुम्हीँ चपल चँचल चितवन,… Read More »आशा कुमार रस्तोगी की रचनाएँ
जीवन स्वप्नों के बादल जब उड़ते हुए यथार्थ की धरा पर बरसते हैं यादों के अनगिनत मोती तब समय के धागे से निकलकर बिखरते हैं… Read More »आशमा कौल की रचनाएँ
कनेर का एक पेड़ और एक रास्ता एक शाम याद आती है धूसर रंगों में डूबी तुम्हारा चेहरा नहीं एक रास्ता याद आता है जिसे… Read More »आलोक श्रीवास्तव-२ की रचनाएँ
है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ों की चादर चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर हसीं वादियों में महकती… Read More »आलोक श्रीवास्तव-1 की रचनाएँ
डरा हुआ आदमी और कविता राजनीति में मुझे पड़ना नहीं था इसलिए समाज पर लिखी मैंने एक कविता कविता में अनायास उठे कुछ सवाल सवालों… Read More »आलोक कुमार मिश्रा की रचनाएँ
बाज़ ख़त पुरअसर भी होते हैं बाज़ ख़त पुरअसर[1] भी होते हैं नामाबर[2] चारागर[3] भी होते हैं हुस्न की दिलकशी पे नाज़ न कर आईने बदनज़र[4] भी होते हैं… Read More »आलोक यादव की रचनाएँ
सूर्यास्त के आसमान उतने सूर्यास्त के उतने आसमानउनके उतने रंगलम्बी सडकों पर शामधीरे बहुत धीरे छा रही शामहोटलों के आसपासखिली हुई रौशनीलोगों की भीड़दूर तक… Read More »आलोकधन्वा की रचनाएँ