शहरयार की रचनाएँ
ख़्वाब का दर बंद है मेरे लिए रात ने आज फ़राहम किया एक नया मर्हला । नींदों ने ख़ाली किया अश्कों से फ़िर भर दिया… Read More »शहरयार की रचनाएँ
ख़्वाब का दर बंद है मेरे लिए रात ने आज फ़राहम किया एक नया मर्हला । नींदों ने ख़ाली किया अश्कों से फ़िर भर दिया… Read More »शहरयार की रचनाएँ
आँधी चली थी शम्आ बुझाने तमाम रात आँधी चली थी शम्आ बुझाने तमाम रात जलते रहे थे ख़्वाब सुहाने तमाम रात यूँ मेरे दर्दे दिल… Read More »आरती कुमारी की रचनाएँ
स्वागत नई सदी का स्वागत इस विश्वास के साथ नष्ट हो जायेगा वो कूड़ा करकट जो सड़ाता रहा सभ्यता के,विराट खजाने जीवाश्म बन चुकी दफ़्न… Read More »आरती तिवारी की रचनाएँ
पैसे के बारे में एक महत्त्वाकांक्षी कविता के लिए नोट्स मैं पैसे नहीं कमाता जब बहुत खुश होता हूँ, तब भी कोई योजना नहीं बनाता… Read More »आर. चेतनक्रांति की रचनाएँ
शाकाहारी बगुले और मछलियों की जिजीविषा मेरे लिए ना का अर्थ है हाँ और हाँ का मतलब शुक्रिया खुदा होता है। गर मैं बगुले को… Read More »आयुष झा आस्तीक की रचनाएँ
दर्द बढ़ता गया जितने दरमाँ किए प्यास बढ़ती गई जितने आँसु पिए दर्द बढ़ता गया जितने दरमाँ किए प्यास बढ़ती गई जितने आँसु पिए और… Read More »आमिर उस्मानी की रचनाएँ
एक शब्द शादी का लाल जोडा पहनाया था माँ ने उसकी रंगत ठीक ही थी पर उसमें टँके सितारे उसकी रंगत ढँक रहे थे मुझे… Read More »आभा की रचनाएँ
बड़े भाई से बातें ( उन तमाम भाइयों के लिए जो जीवन में असफल रहे) भाई तुम ईश्वर नहीं भाई हो भाई तुम पानी नहीं… Read More »आभा बोधिसत्त्व की रचनाएँ
लाला-ज़ारों में ज़र्द फूल हूँ मैं लाला-ज़ारों में ज़र्द फूल हूँ मैं फ़स्ल-ए-गुल है मगर मलूल हूँ मैं चाँद-तारों को रश्क है मुझ पर तेरे… Read More »आबिद मुनावरी की रचनाएँ
याद रखना मिथ्य जुगनू चाँद तारे क्षितिज अम्बर सिंधु सरिता पुष्प उपवन भ्रमर तितली बदलते मौसम गुलाबी मेघ पुरवा मोर कोकिल रात दिन या भोर… Read More »आदर्श सिंह ‘निखिल’ की रचनाएँ