अम्बर रंजना पाण्डेय की रचनाएँ
ठाकुर बिजोय गोसाईं का विषपान नुआपारे पर मूमुर्षू भवन में छबिमान बिजोय गोसाईं से पंडित ने कहा, अविलंब प्रसाद ग्रहण करना सदैव शास्त्र का वचन… Read More »अम्बर रंजना पाण्डेय की रचनाएँ
ठाकुर बिजोय गोसाईं का विषपान नुआपारे पर मूमुर्षू भवन में छबिमान बिजोय गोसाईं से पंडित ने कहा, अविलंब प्रसाद ग्रहण करना सदैव शास्त्र का वचन… Read More »अम्बर रंजना पाण्डेय की रचनाएँ
अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली हर नज़र ख़ुद में कोई शहर है भरने वाली ख़ुश-गुमानी ये… Read More »अम्बर बहराईची की रचनाएँ
मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता तुम बात तो करते कोई रस्ता निकल आता घर से जो… Read More »अंबर खरबंदा की रचनाएँ
एक कली थी खड़ी कली, अधखिली कली, रसभरी कली । जब विहँस पड़ी, तब निखर उठी, आया कोई मधु का लोभी । गुन-गुन करता मधु… Read More »अमोघ नारायण झा ‘अमोघ’ की रचनाएँ
एक सत्य मेरे जीवन की बर्फ़ परलिख जाते कुछ नामकुछ स्वप्नकुछ इन्द्रधनुषबार-बार — फिर टूटते बर्फ़ में सब पुँछ जाताया गल जाता — अपनी छूटी… Read More »अमृता भारती की रचनाएँ
बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है के ख़्वान-ए-रूह पे जब से तआम कर लिया है… Read More »अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ
उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ उस की हसरत[1] है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ ढूँढने उस को चला… Read More »अमीर मीनाई की रचनाएँ
पिता बरसों हो गए / कोशिश जारी है / उसकी तरह बनने की उसकी तरह सोचने की परिवार के लिए, उसीकी तरह कमाऊ और रक्षक… Read More »संगीता कुजारा टाक की रचनाएँ
. हवा देखी है तुमने? खलिश की इन्तहा देखी है तुमने? निगाहों की खता देखी है तुमने? मेरे सीने का खालीपन पता है? मेरे दिल… Read More »संकल्प शर्मा की रचनाएँ
कारे कजरारे सटकारे घुँघवारे प्यारे कारे कजरारे सटकारे घुँघवारे प्यारे , मणि फणि वारे भोर फबन लौँ ऊटे हैँ । बासे हैँ फुलेल ते नरम… Read More »घासीराम