हरप्रीत कौर की रचनाएँ
हांडी में पड़े सपने मेरा प्रेम लौटता है वापस मुझ तक जैसे लौटती हैं गाये हर रोज़ देहात के अपने घर मुँह बिसूरे हांडी में… Read More »हरप्रीत कौर की रचनाएँ
हांडी में पड़े सपने मेरा प्रेम लौटता है वापस मुझ तक जैसे लौटती हैं गाये हर रोज़ देहात के अपने घर मुँह बिसूरे हांडी में… Read More »हरप्रीत कौर की रचनाएँ
इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए दीवाना समझ कर… Read More »अनवर मिर्जापुरी की रचनाएँ
अाज की रात ज़रा प्यार से बातें कर ले अाज की रात ज़रा प्यार से बातें कर ले कल तेरा शहर मुझेे छोड़ के जाना… Read More »अनवर फ़र्रूख़ाबादी की रचनाएँ
उम्र भर जुल्फ-ए-मसाऐल यूँ ही सुलझाते रहे उम्र भर जुल्फ-ए-मसाऐल यूँ ही सुलझाते रहेदुसरों के वास्ते हम खुद को उलझाते रहे हादसे उनके करीब आकर… Read More »अनवर जलालपुरी की रचनाएँ
रथ-यात्रा तुम्हारी रथ यात्रा के ठीक पीछे ही पीछे हिन्दुस्तान भी विनाश-यात्रा पे निकल पड़ा है तुम्हारी यात्रा तो ख़त्म हुई और तुम अपने घर… Read More »अनवर ईरज की रचनाएँ
अंतःकरण वह साहस बहुत मुश्किल से आता हैं आपके भीतर से कोई चीखता हैं रुकना नहीं जो होगा देखा जायेगा आप ठिठक देखते हैं कोई… Read More »हरीश करमचंदाणी की रचनाएँ
मातृभूमि युद्ध मातृभूमि के लिए होते आए है, होते रहेंगे देश पर मिटने वाले हर दिल में जीवित रहेंगे। अमर हो जाना यूँ किसी के… Read More »अनन्या गौड़ की रचनाएँ
हाइकु आया सावन नदी नाले जवान केंचुए उगे अब आदमी का इक नया अब आदमी का इक नया प्रकार हो गया, आदमी का आदमी शिकार… Read More »अनन्त आलोक की रचनाएँ
बच्चा होना, कितना अच्छा बच्चों के संग बच्चा होना कितना अच्छा लगता है! कभी खेल में हँसना गाना ता-ता थैया नाच दिखाना, और कभी नाराज… Read More »अनंतप्रसाद रामभरोसे की रचनाएँ
कविता की मौत मस्तिष्क की विराट् शून्यता को चीरकर विचार जन्म पाते हैं। शब्दों की देहरी चढते-चढते संवादों से मुठभेड कर दम तोड जाते हैं।… Read More »अनंत भटनागर की रचनाएँ