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Hindi

राशिद हामिदी की रचनाएँ

आँख खुली तो मुझ को ये इदराक हुआ आँख खुली तो मुझ को ये इदराक हुआ ख़्वाब-नगर का हर मंज़र सफ़्फ़ाक हुआ जिस्म ओ जान… Read More »राशिद हामिदी की रचनाएँ

राशिद मुफ़्ती की रचनाएँ

किस शय का सुराग़ दे रहा हूँ किस शय का सुराग़ दे रहा हूँ अंधे को चराग़ दे रहा हूँ देते नहीं लोग दिल भी… Read More »राशिद मुफ़्ती की रचनाएँ

राशिद जमाल की रचनाएँ

इस तग-ओ-दौ ने आख़िरश मुझ को निढाल कर दिया ‎ इस तग-ओ-दौ ने आख़िरश मुझ को निढाल कर दिया जीने के एहतिमाम ने जीना मुहाल… Read More »राशिद जमाल की रचनाएँ

राशिद ‘आज़र’ की रचनाएँ

अजीब जुम्बिश-ए-लब है ख़िताब भी न करे ‎ अजीब जुम्बिश-ए-लब है ख़िताब भी न करे सवाल कर के मुझे ला-जवाब भी न करे वो मेरे… Read More »राशिद ‘आज़र’ की रचनाएँ

राय कृष्णदास की रचनाएँ

छहरि रही है कं, लहरि रही है कं छहरि रही है कं, लहरि रही है कं, रपटि परै त्यों कं सरपट धावै है। उझकै कं,… Read More »राय कृष्णदास की रचनाएँ

रामेश्वरी देवी मिश्र ‘चकोरी’ की रचनाएँ

खेला करती थी बगिया में खेला करती थी बगिया में, फूलों और तितलियों से। बातें करती रहती थी अक्सर उन अस्फुट कलियों से। कितना परिचय… Read More »रामेश्वरी देवी मिश्र ‘चकोरी’ की रचनाएँ

रामेश्वरप्रसाद गुरु ‘कुमारहृदय’ की रचनाएँ

गुलाब काँटों में है खिला गुलाब! आसपास पैनी नोकें हैं छेद रही हैं उसका तन, किंतु पंखुड़ियों पर हँसता है कोमल लाल गुलाबी मन। उपवन… Read More »रामेश्वरप्रसाद गुरु ‘कुमारहृदय’ की रचनाएँ

रामेश्वर शुक्ल ‘करुण’की रचनाएँ

दोहा / भाग 1 कबहुँ तप्यो-पर-ताप ते, हरी कबहुँ पर-पीर। आसा-हीन अधीर-कहँ, कबहुँ बँधायी धीर।।1।। नारकीय कहुँ यातना, सुनि हरिजन की कान। पश्चाताप-विलाप तें, तड़पाये… Read More »रामेश्वर शुक्ल ‘करुण’की रचनाएँ

रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’की रचनाएँ

उतना तुम में विश्वास बढा बाहर के आँधी पानी से मन का तूफ़ान कहीं बढ़ कर, बाहर के सब आघातों से, मन का अवसान कहीं… Read More »रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’की रचनाएँ

रामेश्वर नाथ मिश्र ‘अनुरोध’की रचनाएँ

जय जननी जय भारत माता   जय जननी जय भारत माता हरे-भरे, वन-पर्वत शोभित मोहित विश्व-विधाता कलकल करती बहतीं नदियाँ गुणगण गायन करतीं सदियाँ सर्व सौख्य… Read More »रामेश्वर नाथ मिश्र ‘अनुरोध’की रचनाएँ