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राशिद हामिदी

राशिद हामिदी की रचनाएँ

आँख खुली तो मुझ को ये इदराक हुआ आँख खुली तो मुझ को ये इदराक हुआ ख़्वाब-नगर का हर मंज़र सफ़्फ़ाक हुआ जिस्म ओ जान… Read More »राशिद हामिदी की रचनाएँ