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Hindi

राधेश्याम प्रगल्भ की रचनाएँ

बच्चे की चाह बच्चे की चाह सपने में चाहा नदी बनूँ बन गया नदी, कोई भी नाव डुबोई मैंने नहीं कभी। मैंने चाहा मैं बनूँ… Read More »राधेश्याम प्रगल्भ की रचनाएँ

राधेश्याम तिवारी की रचनाएँ

लघु आलोचक धरती है आकाश पर प्रेम टिका विश्वास पर । जब से चाँद हुआ है ओझल तब से नज़र पलास पर। सबकी आँखें इधर-उधर… Read More »राधेश्याम तिवारी की रचनाएँ

राधेश्याम ‘प्रवासी’ की रचनाएँ

मंगलमय हो! मंगलमय हो संस्कृति-पथ पर अगला चरण तुम्हारा! मंज़िल से पहले नाविक पतवार न रूकने पाये, भँवरों में पड़ करके मय का ज्वार न… Read More »राधेश्याम ‘प्रवासी’ की रचनाएँ

राणा प्रताप सिंह की रचनाएँ

नया कोई गीत लें नया कोई गीत ले जंग चलो जीत ले घटती है नम्रता बढ़ती उद्विग्नता चुकती शालीनता मीठा पाया है बहुत आज चलो… Read More »राणा प्रताप सिंह की रचनाएँ

राजेश्वर वशिष्ठ की रचनाएँ

समय के सिरहाने किसी बच्चे की तरह बैठा हूँ स्कूल की सीढ़ियों पर पलट रहा हूँ नोटबुक के पन्ने जिसमें लिखी हैं दुःख और विस्मय… Read More »राजेश्वर वशिष्ठ की रचनाएँ

राजेश्वर ‘गुरु’की रचनाएँ

कौआ मामा बिल्ली मेरी प्यारी मौसी कौआ मेरा मामा! बिल्ली पहने फ्रॉक गरारा, कौआ जी पाजामा! काँव-काँव कौआ जी बोलें म्याऊँ-म्याऊँ बिल्ली। कौआ जी कलकत्ता… Read More »राजेश्वर ‘गुरु’की रचनाएँ

राजेश श्रीवास्तव की रचनाएँ

  अपनी हार अपना घर, अपने लोग, अपनी दीवार, अपने दल, अपना युद्ध और अपनी ही हार, जिंदगी की मायावी महाभारत में अब तक ऐसे… Read More »राजेश श्रीवास्तव की रचनाएँ

राजेश शर्मा की रचनाएँ

अक्षत,हल्दी छूकर सपने अक्षत,हल्दी छूकर सपने, द्वारे-द्वारे जाएंगे शायद कुछ लौटे आमंत्रण,अब स्वीकारे जाएँगे जबसे कोई मौन ,दृगों पर, होकर एकाकार बँटा, मन के भीतर… Read More »राजेश शर्मा की रचनाएँ

राजेश रेड्डी की रचनाएँ

अपने सच में झूठ की मिक्दार थोड़ी कम रही अपने सच में झूठ की मिक्दार थोड़ी कम रही । कितनी कोशिश की, मगर, हर बार… Read More »राजेश रेड्डी की रचनाएँ

राजेश शर्मा ‘बेक़दरा’

बेचैनी न शब्द कागज़ पर, न दिल शरीर में, उड़ रहे हैं दोनों, बेठिकाना… न कागज पर कविता, न दिल में चैन, बेसबब उड़ान भरते,… Read More »राजेश शर्मा ‘बेक़दरा’