ललित मोहन त्रिवेदी की रचनाएँ
आईना भी मुझे बरगलाता रहा ग़ज़ल आईना भी मुझे , बरगलाता रहा ! दाहिने को वो बाँया दिखाता रहा !! दुश्मनी की अदा देखिये तो सही ! करके… Read More »ललित मोहन त्रिवेदी की रचनाएँ
आईना भी मुझे बरगलाता रहा ग़ज़ल आईना भी मुझे , बरगलाता रहा ! दाहिने को वो बाँया दिखाता रहा !! दुश्मनी की अदा देखिये तो सही ! करके… Read More »ललित मोहन त्रिवेदी की रचनाएँ
नैन चकोर, मुखचंद कौं वारि डारौं नैन चकोर, मुखचंद ँकौं वारि डारौं, वारि डारौं चित्तहिं मनमोहन चितचोर पै। प्रानहूँ को वारि डारौं हँसन दसन लाल,… Read More »ललित किशोरी की रचनाएँ
गर्वोक्ति न ऊधो का लिया न माधो का दिया न किसी का भला न बुरा ही किया चलती रही साँस जब तक जिया इसी तरह… Read More »ललन चतुर्वेदी की रचनाएँ
अजब नजारे हवा चल रही तेज बड़ी थी, एक खटइया कहीं पड़ी थी! उड़ी खटइया आसमान में, फिर मच्छर के घुसी कान में! वहीं खड़ा… Read More »लता पंत की रचनाएँ
रुद्राणी मेरे महादेव तू है मुझमें तभी मैं तुझसे ज्योतिर्मय हूँ तू चक्षु मध्य आबद्ध मेरे हुए ज्योतिर्मय, मैं शिवमय हूँ… आसक्त हृदय यह रुद्र… Read More »लता सिन्हा ‘ज्योतिर्मय’ की रचनाएँ
साँझ ही सोँ रंगरावटी मेँ मधुरे सुर मोदन गाय रही हैँ साँझ ही सोँ रंगरावटी मेँ मधुरे सुर मोदन गाय रही हैँ । सांवरे रावरे… Read More »लछिराम की रचनाएँ
अँधेरे के दिन बदल गए हैं अँधेरों के दिन अब वे नहीं निकलते सहमे, ठिठके, चुपके-चुपके रात के वक्त वे दिन-दहाड़े घूमते हैं बस्ती में… Read More »लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की रचनाएँ
खरगोश नरम-गुदगुदा, प्यारा-प्यारा, जंगल की आँखों का तारा। नन्हा-नन्हा, नटखट-चंचल, ज्यों कपास का उड़ता बादल। दिन भर उछल-कूद है करता, मस्ती में चौकड़ियाँ भरता। लंबे… Read More »लक्ष्मीनारायण ‘पयोधि’ की रचनाएँ
नाथ हो कोटिन दोष हमारो नाथ हो कोटिन दोष हमारो । कहाँ छिपाऊँ, छिपत ना तुमसे, रवि ससि नैन तिहारौ ।। टेक ।। जल, थल,… Read More »लक्ष्मीनाथ परमहंस की रचनाएँ
नव्य न्याय का अनुशासन-1 तुम्हारे इर्द-गिर्द फैलती अफ़वाहों से मैं नहीं घबराता तुम्हारे आक्रोश, क्रोध और आदेश से भी मैं नहीं डरता जब तुम चीख़ते-चिल्लाते,… Read More »लक्ष्मीकांत वर्मा की रचनाएँ