बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की रचनाएँ
दुर्दशा दत्तापुर श्रीपति कृपा प्रभाव, सुखी बहु दिवस निरन्तर। निरत बिबिध व्यापार, होय गुरु काजनि तत्पर॥१॥ बहु नगरनि धन, जन कृत्रिम सोभा परिपूरित। बहु ग्रामनि… Read More »बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की रचनाएँ
दुर्दशा दत्तापुर श्रीपति कृपा प्रभाव, सुखी बहु दिवस निरन्तर। निरत बिबिध व्यापार, होय गुरु काजनि तत्पर॥१॥ बहु नगरनि धन, जन कृत्रिम सोभा परिपूरित। बहु ग्रामनि… Read More »बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की रचनाएँ
बहुत दिनों बाद बहुत दिनों बाद एक गीत लिखा है लेकिन यह गीत नहीं पिछले गीतों जैसा इसमें रोमांटिकता नहीं है सच ! इसमें भावुकता नहीं… Read More »उद्भ्रान्त की रचनाएँ
मैं चलता ‘मैं चलता मेरे साथ नया सावन चलता है, मैं चलता मेरे साथ नया जीवन चलता है। उत्थान पतन-कंदुक पर मैं गिरता और उछलता,… Read More »उदयशंकर भट्ट की रचनाएँ
कौन चितेरा चँचल मन से कौन चितेरा चँचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है । कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से… Read More »शिवकुमार ‘बिलगरामी’ की रचनाएँ
दीमकों के नाम हैं वंसीवटों की डालियाँ दीमकों के नाम हैं वंसीवटों की डालियाँ, नागफनियों की क़नीजें हैं यहाँ शेफालियाँ। छोड़कर सर के दुपट्टे को… Read More »शिव ओम अम्बर की रचनाएँ
कँटक ते अटकि अटकि सब आपुहीँ ते कँटक ते अटकि अटकि सब आपुहीँ ते , फटिगे बसन तिन्हैँ नीके कै बनाय ले । बेनी के… Read More »शिव की रचनाएँ
पतंगों का मौसम मौसम आज पतंगों का है नभ में राज पतंगों का है, इंद्रधनुष के रंगों का है मौसम नई उमंगों का है। किनले… Read More »शिव मृदुल की रचनाएँ
हम दोनों की पीर एक है हम दोनों की पीर एक है, निचले तबके वाली। हाथ पसारो तो यह दुनिया, एक रुपइया देती। एक रुपइया… Read More »शिवम खेरवार की रचनाएँ
जुगनू जमाती कैधौं बाती बार खाती जुगनू जमाती कैधौं बाती बार खाती ,प्राण ढूंढ़त फिरत घाती मदन अराती है ।झिल्ली झननाती भननाती है बिरह ,भेरी… Read More »शिव नाथ की रचनाएँ
प्यारे पापा खुशियों के फव्वारे हैं जी, पापा मेरे प्यारे हैं। करते तो हैं मुझसे प्यार रोज़ न पर लाते उपहार, रखें छोटी-छोटी मूँछ बातें… Read More »शिव गौड़ की रचनाएँ