ठाकुर ज्ञानसिंह वर्मा की रचनाएँ
वतन के वास्ते वतन के वास्ते बस जान घुला देंगे हम, गले को शान से फांसी पे झुला देंगे हम। भीष्म-संतान हैं, कुत्तों की मरेंगे… Read More »ठाकुर ज्ञानसिंह वर्मा की रचनाएँ
वतन के वास्ते वतन के वास्ते बस जान घुला देंगे हम, गले को शान से फांसी पे झुला देंगे हम। भीष्म-संतान हैं, कुत्तों की मरेंगे… Read More »ठाकुर ज्ञानसिंह वर्मा की रचनाएँ
वायुयान सुंदर, सजीला, चटकीला वायुयान एक, भैया, हरे कागज का आज मैं बनाऊँगा! चढ़ के उसी पे सैर नभ की करूँगा खूब, बादल के साथ-साथ… Read More »ठाकुर गोपालशरण सिंह की रचनाएँ
पहली बूंद यह बादल की पहली बूँद कि यह वर्षा का पहला चुम्बनस्मृतियों के शीतल झोकों में झुककर काँप उठा मेरा मन। बरगद की गभीर… Read More »ठाकुरप्रसाद सिंह की रचनाएँ
जौँ लौँ कोऊ पारखी सोँ होन नहिँ पाई भेँट जौँ लौँ कोऊ पारखी सोँ होन नहिँ पाई भेँट तब ही लौँ तनक गरीब सोँ सरीरा… Read More »ठाकुर की रचनाएँ
किसी ने पूछा किसी ने पूछा जीवन क्या है पत्थर पर उगी दूब बोली मैं हूँ किसी ने पूछा मृत्यु क्या है पंछी ने कहा… Read More »डी. एम. मिश्र की रचनाएँ
जार को बिचार कहा गनिका को लाज कहा जार को बिचार कहा गनिका को लाज कहा , गदहा को पान कहा आँधरे को आरसी ।… Read More »टोडर की रचनाएँ
यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने परिचय की वो गाँठ लगा दी ! था पथ पर मैं भूला-भूला फूल उपेक्षित कोई फूला… Read More »त्रिलोचन की रचनाएँ
ऐसा वर दो भगवन् हमको ऐसा वर दो। जग के सारे सद्गुण भर दो॥ हम फूलों जैसे मुस्कायें, सब पर प्रेम सुगंध लुटायें, हम… Read More »त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ
जय हिन्द पैदा उफ़क़े –हिन्द से हैं सुबह के आसार है मंज़िले-आखिर में ग़ुलामी की शबे-तार आमद सहरे-नौ की मुबारक हो वतन को पामाले –… Read More »त्रिलोकचन्द महरूम की रचनाएँ
बस्ता बस्ता बहुत भारी था ढोते-ढोते एक महीने में बेटी का वज़न घट गया इंग्लिश स्कूल के स्टैंडर्ड फर्स्ट में पढ़ते-पढ़ते दो बार लगाई गई… Read More »त्रिलोक महावर की रचनाएँ