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रामश्याम ‘हसीन’की रचनाएँ

मुझको मेरी मुश्किलों का हल मुझको मेरी मुश्किलों का हल बता ऐ ज़िन्दगी! कैसा होगा आने वाला कल? बता ऐ ज़िन्दगी! मुझको ख़ुद्दारी ने मारा… Read More »रामश्याम ‘हसीन’की रचनाएँ

रामशंकर चंचल की रचनाएँ

हम बच्चे आओ भीगें हर गंगे हम बच्चे! कुछ नंगे, कुछ अधनंगे हम बच्चे! शोर मचाते हँसते-गाते, बिना पंख के नभ छू आते। हमसे मत… Read More »रामशंकर चंचल की रचनाएँ

रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ

पास हुए हम हुर्रे-हुर्रे पास हुए हम, हुर्रे-हुर्रे! दूर हुए गम, हुर्रे-हुर्रे! रोज नियम से, किया परिश्रम और खपाया भेजा। धीरे-धीरे, थोड़ा-थोड़ा हर दिन ज्ञान… Read More »रामवचन सिंह ‘आनंद’ की रचनाएँ

रामलखन पाल की रचनाएँ

ज़िन्दगी अपमान की भरी सभा में, एक सवर्ण ने दूसरे सवर्ण से क्रोध में आकर गाली देते हुए कहा— ‘चमार कहीं का’ दूसरे सवर्ण ने… Read More »रामलखन पाल की रचनाएँ

रामराजश्वरी देवी ‘नलिनी’ की रचनाएँ

साध मिटाने दो! साध मिटाने दो! आँसू की तरल तरंगों में आहों के कण बह जाने दो। उस क्षुब्ध अश्रु की धारा में उच्छ्वास-तरणि लहराने… Read More »रामराजश्वरी देवी ‘नलिनी’ की रचनाएँ

रामभरत पासी की रचनाएँ

समय रहते समय रहते दबा दो मिट्टी में गहरे उन सड़ी-गली परम्पराओं को बदबू फैलाने से पहले किसी लाश की तरह क्योंकि फिर नहीं झुठला… Read More »रामभरत पासी की रचनाएँ

रामप्रसाद शर्मा “महर्षि”की रचनाएँ

उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ उनका तो ये मज़ाक रहा हर किसी के साथ खेले नहीं वो सिर्फ़ मिरी ज़िंदगी के… Read More »रामप्रसाद शर्मा “महर्षि”की रचनाएँ

रामप्रकाश ‘बेखुद’ लखनवी की रचनाएँ

हर तरफ़ जाले थे, बिल थे हर तरफ़ जाले थे, बिल थे, घों‍सले छ्प्पर में थे जाने कितने घर मेरे उस एक कच्चे घर में… Read More »रामप्रकाश ‘बेखुद’ लखनवी की रचनाएँ

रामनिरंजन शर्मा ‘ठिमाऊ’की रचनाएँ

महँगाई पप्पू ने दीदी से पूछा क्या होती महँगाई? सभी इसी की चर्चा करते चली कहाँ से आई? सभी किताबें देखीं मैंने कहीं न मीनिंग… Read More »रामनिरंजन शर्मा ‘ठिमाऊ’की रचनाएँ

रामनरेश पाठक की रचनाएँ

हम न बोलेंगे, कमल के पात बोलेंगे हम न बोलेंगे, कमल के पात बोलेंगे। कीच का क्या रंग, क्या है उत्स कादो का जेठ की… Read More »रामनरेश पाठक की रचनाएँ