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सत्यवान सौरभ की रचनाएँ

योद्धा बनें, आज वतन की आस लोग सभी खामोश हैं, दुबके सभी प्रधान! सरकारी सेवक बनें, सब के दयानिधान! कोरोना से लड़ रहे, भूलें आज… Read More »सत्यवान सौरभ की रचनाएँ

सत्येन्द्र श्रीवास्तव की रचनाएँ

यह घड़ी सामने जो बुत बनी-सी चुप खड़ी है वह परीक्षण की घड़ी है डेस्क पर रक्खे पड़े हैं कई कोरे पृष्ठ अँगुलियों में जड़… Read More »सत्येन्द्र श्रीवास्तव की रचनाएँ

सत्यानन्द निरुपम की रचनाएँ

कुहूकिनी रे!  कुहूकिनी रे, बौराए देती है तेरी आवाज़. कहीं सेमल का फूल कोई चटखा है लाल तेरी हथेली का रंग मुझे याद आया है… Read More »सत्यानन्द निरुपम की रचनाएँ

सत्यपाल सहगल की रचनाएँ

दिनांक आज इतनी हलचलें हैं कि सिर्फ हलचलें हैं उदासी का चेहरा सिर्फ खुद हो नज़र आता है सभी कोनों में सिर्फ रोशनी और आवाज़ें… Read More »सत्यपाल सहगल की रचनाएँ

सत्यपाल आनंद की रचनाएँ

अगला सफ़र तवील नहीं वो दिन भी आए हैं उस की सियाह ज़ुल्फ़ों में कपास खिलने लगी है, झलकती चाँदी के कशीदा तार चमकने लगे… Read More »सत्यपाल आनंद की रचनाएँ

सत्यनारायण की रचनाएँ

नदी-सा बहता हुआ दिन  कहाँ ढूँढ़ें– नदी-सा बहता हुआ दिन । वह गगन भर धूप सेनुर और सोना, धार का दरपन भँवर का फूल होना,… Read More »सत्यनारायण की रचनाएँ

सत्यनारायण ‘कविरत्न’ की रचनाएँ

मातॄवंदना-1 सब मिलि पूजिय भारत-माई।भुवि विश्रुत, सद‍वीर-प्रसूता, सरल सदय सुखदाई।।बाकी निर्मल कीर्ति कौमुदी, छिटकी चहुँ दिशि छाई।कलित केन्द्र आरज-निवास की, वेद पुरानन गाई।।आर्य-अनार्य सरस चाखत… Read More »सत्यनारायण ‘कविरत्न’ की रचनाएँ

सत्यदेव आजाद की रचनाएँ

प्यारे चंदा मामा प्यारे चंदा मामा, आओ! सारे नभ में घूमा करते हर घर को तुम देखा करते अगर न आओ, तो हमको ही- इक… Read More »सत्यदेव आजाद की रचनाएँ

सत्य मोहन वर्मा की रचनाएँ

दधीचि पिता जब तक तुम्हारी ममतामयी काया थी मेरे सर पर वट – वृक्ष की छाया थी जिसके तले मैंने अपनापन, अवज्ञा और आक्रोश अत्यंत… Read More »सत्य मोहन वर्मा की रचनाएँ

सत्य प्रकाश कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ

साग पकाया बंदर गया खेत में भाग, चुट्टर-मुट्टर तोड़ा साग। आग जला कर चट्टर-मट्टर, साग पकाया खद्दर-बद्दर। सापड़-सूपड़ खाया खूब, पोंछा मु हूँह उखाड़ कर… Read More »सत्य प्रकाश कुलश्रेष्ठ की रचनाएँ