अब्दुल ग़फ़ूर ‘शहबाज़’ की रचनाएँ
अंजाम ख़ुशी का दुनिया में सच कहते अंजाम ख़ुशी का दुनिया में सच कहते हो ग़म होता है साबित है गुल और शबनम से जो… Read More »अब्दुल ग़फ़ूर ‘शहबाज़’ की रचनाएँ
अंजाम ख़ुशी का दुनिया में सच कहते अंजाम ख़ुशी का दुनिया में सच कहते हो ग़म होता है साबित है गुल और शबनम से जो… Read More »अब्दुल ग़फ़ूर ‘शहबाज़’ की रचनाएँ
नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का शौक़ फिर किस को आशनाई का चखते हैं अब मज़ा जुदाई का ये नतीजा है… Read More »अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’ की रचनाएँ
अज़दवाजी ज़िन्दगी भी और तिजारत भी अदब भी अज़दवाजी ज़िन्दगी भी और तिजारत भी अदब भी कितना कार-आमद है सब कुछ और कैसा बे-सबब भी… Read More »अब्दुल अहद ‘साज़’ की रचनाएँ
वर्षा इमि तपिअउ बहु ग्रीष्म सकौं कस बोलियऊ। पथिक! आव पुनि पावस ढीठ न आव पियऊ । चौदिसि घोरंधार छाय गउ गरुअ-भरो। गगन-कुहर घुरघुरै सरोषउ… Read More »अब्दुर्रहमान की रचनाएँ
अब तक इलाज-ए-रंजिश-ए-बे-जा न कर सके अब तक इलाज-ए-रंजिश-ए-बे-जा न कर सके इक उम्र में भी हुस्न को अपना न कर सके थी एक रस्म-ए-इश्क़… Read More »अबू मोहम्मद सहर की रचनाएँ
अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है दरिया हो या कि समन्दर… Read More »अबू आरिफ़ की रचनाएँ
गया तो हुस्न न दीवार में न गया तो हुस्न न दीवार में न दर में था वो एक शख़्स जो मेहमान मेरे घर में… Read More »अबुल मुजाहिद ‘ज़ाहिद’ की रचनाएँ
एहसास लम्हात का हयूला कुछ भूलने लगा था आवाज़ का सरापा कुछ ऊँघने लगा था सन्नाटा पा-शिकस्ता कुछ बोलने लगा था वहश्त-ज़दा सा कमरा कुछ… Read More »अबरार आज़मी की रचनाएँ
गुरेज़ाँ था मगर ऐसा नहीं था गुरेज़ाँ था मगर ऐसा नहीं था ये मेरा हम-सफ़र ऐसा नहीं था यहाँ मेहमाँ भी आते थे हवा भी… Read More »अबरार अहमद की रचनाएँ
फ़लक उन से जो बढ़ कर बद-चलन होता फ़लक उन से जो बढ़ कर बद-चलन होता तो क्या होता जवाँ से पेश-रौ पीर-ए-कोहन होता तो… Read More »‘अफसर’ इलाहाबादी की रचनाएँ