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कबीर

कबीर की रचनाएँ

गुरु-महिमा  गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान। बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥ व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान… Read More »कबीर की रचनाएँ