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‘क़ैसर’ निज़ामी

‘क़ैसर’ निज़ामी की रचनाएँ

आतिश-ए-सोज़-ए-मोहब्बत को बुझा सकता हूँ मैं  आतिश-ए-सोज़-ए-मोहब्बत को बुझा सकता हूँ मैं दीदा-ए-पुर-नम से इक दरिया बहा सकता हूँ मैं हुस्न-ए-बे-परवा तेरा बस इक इशारा… Read More »‘क़ैसर’ निज़ामी की रचनाएँ