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कालीदास

कालीदास की रचनाएँ

रति रैन विषै जे रहे हैँ पति सनमुख रति रैन विषै जे रहे हैँ पति सनमुख, तिन्हैँ बकसीस बकसी है मैँ बिहँसि कै। करन को… Read More »कालीदास की रचनाएँ