Skip to content

रेवंत दान बारहठ की रचनाएँ

सूरज को न्‍योता यह ​वक्‍त – एक ​सियाह रात​ है रात जो ब​हुत डरावनी ​है इस रात के स​न्‍नाटे में असहनीय है ​उल्‍लूओं और सियारों… Read More »रेवंत दान बारहठ की रचनाएँ

रेनू द्विवेदी की रचनाएँ

वेदना संवेदना तुम वेदना संवेदना तुम, बंदगी परमार्थ हो तुम! वायु हो तुम प्राण हो तुम, प्रेम का भावार्थ हो तुम! लिख रही हूँ मैं… Read More »रेनू द्विवेदी की रचनाएँ

रेणु हुसैन की रचनाएँ

बहुत से बहुत से सवालों के जवाब गुम हैं बहुत से जवाबों के सवाल गुम हैं बहुत सी हथेलियों की गुम हैं रेखाएँ बहुत सी… Read More »रेणु हुसैन की रचनाएँ

रेणु मिश्रा की रचनाएँ

नितान्त अकेली पहले जब तुझे जानती नहीं थी सुनती थी तेरी हर एक बात तेरे इशारों पर चला करती थी जो कहना मानती थी तेरा… Read More »रेणु मिश्रा की रचनाएँ

रेखा की रचनाएँ

बेटियाँ हैरान हूँ यह सोचकर कहाँ से आती हैं बार-बार कविता में बेटियाँ बाजे बजाकर देवताओं के साक्ष्य में सबसे ऊँचे जंगलों सबसे लम्बी नदियों… Read More »रेखा की रचनाएँ

रेखा राजवंशी की रचनाएँ

  ढूँढ़ रही हूँ चन्दन दूर देश में नए वेश में पार समन्दर इस विदेश में ढूँढ़ रही अपनापन साथी । बहुत भीड़ है नया… Read More »रेखा राजवंशी की रचनाएँ

रेखा चमोली की रचनाएँ

कविता मुझ में कविता उन उदास दिनों में भी उत्साहित करती है जब गिर चुके होते हैं पेड़ के सारे पत्ते नंगा खड़ा पेड़ नीचे… Read More »रेखा चमोली की रचनाएँ

रूही कंजाही की रचनाएँ

हसीं चेहरों से सूरत-आश्नाई होती रहती है हसीं चेहरों से सूरत-आश्नाई[1] होती रहती है समझ लो इब्तिदाई[2] कारवाई होती रहती है हमारी बीवी और महँगाई दोनों हैं… Read More »रूही कंजाही की रचनाएँ

रूपा सिंह की रचनाएँ

  सबसे खतरनाक समय सबसे खतरनाक समय शुरू हो रहा है जब मैं कर लूँगी खुलेआम प्यार । निकल पडूँगी अर्धरात्रि दरवाज़े से नदियों में… Read More »रूपा सिंह की रचनाएँ

रूपम मिश्र की रचनाएँ

पिता के घर में मैं पिता, क्या मैं तुम्हें याद हूँ ! मुझे तो तुम याद रहते हो क्योंकि ये हमेशा मुझे याद कराया गया ! फ़ासीवाद… Read More »रूपम मिश्र की रचनाएँ