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शिव मृदुल की रचनाएँ

पतंगों का मौसम  मौसम आज पतंगों का है नभ में राज पतंगों का है, इंद्रधनुष के रंगों का है मौसम नई उमंगों का है। किनले… Read More »शिव मृदुल की रचनाएँ

शिवम खेरवार की रचनाएँ

हम दोनों की पीर एक है हम दोनों की पीर एक है, निचले तबके वाली। हाथ पसारो तो यह दुनिया, एक रुपइया देती। एक रुपइया… Read More »शिवम खेरवार की रचनाएँ

शिव नाथ की रचनाएँ

जुगनू जमाती कैधौं बाती बार खाती जुगनू जमाती कैधौं बाती बार खाती ,प्राण ढूंढ़त फिरत घाती मदन अराती है ।झिल्ली झननाती भननाती है बिरह ,भेरी… Read More »शिव नाथ की रचनाएँ

शिव गौड़ की रचनाएँ

प्यारे पापा खुशियों के फव्वारे हैं जी, पापा मेरे प्यारे हैं। करते तो हैं मुझसे प्यार रोज़ न पर लाते उपहार, रखें छोटी-छोटी मूँछ बातें… Read More »शिव गौड़ की रचनाएँ

शिव कुशवाहा की रचनाएँ

लोक परंपराएं  लोक परंपराएँ पैठ जाती हैं गहरे तक समाज में चली आती हुई परंपरा और रीति रिवाज नहीं मिटते आसानी से लोक में जीवित… Read More »शिव कुशवाहा की रचनाएँ

शिरीष कुमार मौर्य की रचनाएँ

स्याह स्‍याह समय के गाल पर है तिल की तरह नहीं दाग़ की तरह ग़लत दिमाग़ों के उजाले में है राह में है उसे ढाँकता… Read More »शिरीष कुमार मौर्य की रचनाएँ

शिरीष कुमार मौर्य की रचनाएँ

शामिल आजकल न मैं किसी उत्सव में शामिल हूँ न किसी शोक में न किसी रैली-जुलूस में किसी सभा में नहीं न किसी बाहरी ख़ुलूस… Read More »शिरीष कुमार मौर्य की रचनाएँ

शिबली नोमानी

हुकूमत पर ज़वाल आया तो हुकूमत पर ज़वाल आया तो फिर नामो-निशां कब तक चराग़े-कुश्‍त:-ए-महफ़िल से उट्ठेगा धुऑं कब तक क़बाए-सल्‍तनत के गर फ़लक ने… Read More »शिबली नोमानी

शाहीन अब्बास की रचनाएँ

अब ऐसे चाक पर कूज़ा-गरी होती नहीं थी अब ऐसे चाक पर कूज़ा-गरी होती नहीं थी कभी होती थी मिट्टी और कभी होती नहीं थी… Read More »शाहीन अब्बास की रचनाएँ