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शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की रचनाएँ

प्रथमपतिगृहानुभवम् प्रथमपतिगृहानुभवम् हे सखि पतिगृहगमनं प्रथमसुखदमपि किंत्वतिक्लिष्टं री। परितो नूतन वातावरणे वासम् कार्यविशिष्टं री।। वदने सति अवरुद्धति कण्ठं दिवसे अवगुण्ठनमाकण्ठं। केवलमार्य त्यक्त्वा तत्र किंञ्चिदपि मया… Read More »शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की रचनाएँ

शारिक़ कैफ़ी की रचनाएँ

इक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हम ने  इक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हम ने पहले यार बनाया फिर समझाया हम ने… Read More »शारिक़ कैफ़ी की रचनाएँ

शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ

ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुना ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुनाछेड़ दे ज़िक्र-ए-वफ़ा हाँ कोई अफ़्साना सुना ग़ीबत-ए-दहर बहुत गोश-ए-गुनहगार… Read More »शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ

शाद आरफ़ी की रचनाएँ

अहद-ए-मायूसी जहाँ तक साज़गार आता गया अहद-ए-मायूसी जहाँ तक साज़गार आता गया अपने-आप में दिल-ए-बे-इख़्तियार आता गया कुछ सुकूँ कुछ ज़ब्त कुछ रंग-ए-करार आता गया… Read More »शाद आरफ़ी की रचनाएँ

शाद अज़ीमाबादी की रचनाएँ

ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं, नायाब हैं हम ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं, नायाब हैं हम ताबीर है जिसकी हसरत-ओ-गम ऐ… Read More »शाद अज़ीमाबादी की रचनाएँ

शाज़ तमकनत की रचनाएँ

अपनी अपनी शब-ए-तनहाई की तंज़ीम करें अपनी अपनी शब-ए-तनहाई की तंज़ीम करें चाँदनी बाँट लें महताब को तक़सीम करें मैं ये कहता हूँ के मुझ… Read More »शाज़ तमकनत की रचनाएँ

शाकिर ‘नाजी’ की रचनाएँ

देख मोहन तेरी कमर की तरफ देख मोहन तेरी कमर की तरफ फिर गया मानी अपने घर की तरफ जिन ने देखे तेरे लब-ए-शीरीं नज़र… Read More »शाकिर ‘नाजी’ की रचनाएँ

शाकिर खलीक की रचनाएँ

कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था था कौन सा क़तरा जो समुंदर न… Read More »शाकिर खलीक की रचनाएँ

शाइस्ता यूसुफ़ की रचनाएँ

  बस वही लम्हा आँख देखे बस वही लम्हा आँख देखेगीजिस पे लिखा हुआ हो नाम अपना ऐसा सदियों से होता आया हैलोग करते रहेंगे… Read More »शाइस्ता यूसुफ़ की रचनाएँ

शहाब सफ़दर की रचनाएँ

बीनाओं को पलकों से हटाने की पड़ी है बीनाओं को पलकों से हटाने की पड़ी है शहकार पे जो गर्द ज़माने की पड़ी है आसाँ… Read More »शहाब सफ़दर की रचनाएँ