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संस्कृतम्

तुलसीदास की रचनाएँ

केशव,कहि न जाइ केशव , कहि न जाइ का कहिये । देखत तव रचना विचित्र अति ,समुझि मनहिमन रहिये । शून्य भीति पर चित्र ,रंग… Read More »तुलसीदास की रचनाएँ

जानकीवल्लभ शास्त्री की रचनाएँ

उदयति मिहिरो, विगलति तिमिरो उदयति मिहिरो,विगलति तिमिरो भुवनं कथमभिरामम् प्रचरति चतुरो मधुकरनिकरो गुंजति कथमविरामम्॥ विकसति कमलं,विलसति सलिलम् पवनो वहति सलीलम् दिशिदिशि धावति,कूजति नृत्यति खगकुलमतिशयलोलम्॥ शिरसि… Read More »जानकीवल्लभ शास्त्री की रचनाएँ

शेख किफ़ायत की रचनाएँ

प्रथमहिं सुमिरौ नाम विधाता  प्रथमहिं सुमिरौं नाम विधाता । जोविधि विधि किन्ह सकल रंगराता ।। सात अकास किन्ह मैं गुनी । सरंग पताल रचे बिनु… Read More »शेख किफ़ायत की रचनाएँ

शिवपूजन सहाय की रचनाएँ

श्रीराम का बाल्यावस्था शृंगार वर्णन 1. ”कोटि-काम-शोभा श्याम अंग नीलकंजघन अरुण-सरोज-पद नख-जोति मोती हैं। रेख-कुलिश-ध्वज-वर-अंकुश-पग-नूपुर धुनि सुनि कै मुनीशन मन छोभ अति होती हैं। रेखात्रय-उदर… Read More »शिवपूजन सहाय की रचनाएँ

शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की रचनाएँ

प्रथमपतिगृहानुभवम् प्रथमपतिगृहानुभवम् हे सखि पतिगृहगमनं प्रथमसुखदमपि किंत्वतिक्लिष्टं री। परितो नूतन वातावरणे वासम् कार्यविशिष्टं री।। वदने सति अवरुद्धति कण्ठं दिवसे अवगुण्ठनमाकण्ठं। केवलमार्य त्यक्त्वा तत्र किंञ्चिदपि मया… Read More »शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की रचनाएँ

हनुमानप्रसाद पोद्दार की रचनाएँ

पद-रत्नाकर / भाग- 1 श्रीराधारानी-चरन बिनवौं बारंबार श्रीराधारानी-चरन बिनवौं बारंबार। बिषय-बासना नास करि, करौ प्रेम-संचार॥ तुम्हरी अनुकंपा अमित, अबिरत अकल अपार। मोपर सदा अहैतुकी बरसत… Read More »हनुमानप्रसाद पोद्दार की रचनाएँ

हरिदास की रचनाएँ

तिनका बयारि के बस तिनका बयारि के बस। ज्यौं भावै त्यौं उडाइ लै जाइ आपने रस॥ ब्रह्मलोक सिवलोक और लोक अस। कह ‘हरिदास बिचारि देख्यो,… Read More »हरिदास की रचनाएँ