संतलाल करुण की रचनाएँ
चाँद और सूरज दोनों में ग्रहण चाँद और सूरज दोनों में ग्रहण-जैसा काला कलंक है समलैंगिकता। दुनिया में कुशाग्र बुद्धि और हृदयवान जाति के नर-मादाओं… Read More »संतलाल करुण की रचनाएँ
चाँद और सूरज दोनों में ग्रहण चाँद और सूरज दोनों में ग्रहण-जैसा काला कलंक है समलैंगिकता। दुनिया में कुशाग्र बुद्धि और हृदयवान जाति के नर-मादाओं… Read More »संतलाल करुण की रचनाएँ
अन्नू का तोता ‘बाबा, बाबा’ बोला पोता, ‘लाल, दुलारे तू क्यों रोता?’ ‘ला दो पिंजला, ला दो तोता बला नहीं, बछ छोता-छोता।’ अन्नू जी ने… Read More »संत कुमार टंडन ‘रसिक’ की रचनाएँ
समाचार दीखता है खालीपन मन जहां-जहां दौड़ता है दौड़ने से थककर अंधेर शुष्क कोने में एक बूंद पानी की प्यास तक अधूरी रह जाती है,… Read More »संजीव ठाकुर की रचनाएँ
मुठ्ठी भर लड़ाईयां जिन पैरों को अथाह दूरी नापनी थी वह वस्तुतः थक चुके थे और मैंने कहीं पढ़ा भी था कि गर सफ़र लम्बा… Read More »संजय शेफर्ड की रचनाएँ
कई सूरज कई महताब रक्खे कई सूरज कई महताब रक्खे तेरी आँखों में अपने ख्वाब रक्खे हरीफों से भी हमने गुफ्तगू में अवध के सब… Read More »संजय मिश्रा ‘शौक’ की रचनाएँ
कैसे लिखूँ तेरे आवन के गीत पतझड़ के गीत, सावन के गीत कैसे लिखूँ तेरे आवन के गीत। उपवन के गीत, अभिनव के गीत कैसे… Read More »संजय तिवारी की रचनाएँ
मरने के बाद मेरी अस्थियाँ गंगा में विसर्जित कर देना और राख थोड़ी बिखरा देना हवाई जहाज़ से हिमालय की चोटियों पर और थोड़ी कन्याकुमारी… Read More »संजय चतुर्वेदी की रचनाएँ
हमारे पास एक दिन जब हमारे पास एक दिन जब केवल दुःखों की दुनिया बच जाएगी हम सोचेंगे अपने तमाम अच्छे-बुरे विशेषणों के साथ उनके… Read More »संजय कुमार सिंह की रचनाएँ
मुझे नीली स्याही लगी एक दवात छोड़कर जाने दो हत्यायों और हादसों के अभ्यस्त क़स्बे के बीचपुरातात्विक खुदाई मेंटेराकोटा ईंटों से बनाएक पुराना विहार झाँकने… Read More »संजय कुमार शांडिल्य की रचनाएँ
इक कहानी तुम्हें मैं सुनाता रहूँ इक कहानी तुम्हें मैं सुनाता रहूँ । प्यार की हर निशानी दिखाता रहूँ। मुस्कुराती रहो गीत बन तुम मेरा… Read More »संजय कुमार गिरि की रचनाएँ