क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ
टूरिस्ट हमारे पास कुछ नहीं जाओ अब हमारे पास कुछ नहीं बीते सत-जगों की सर्द राख में इक शरार भी नहीं दाग़ दाग़ ज़िंदगी पे… Read More »क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ
टूरिस्ट हमारे पास कुछ नहीं जाओ अब हमारे पास कुछ नहीं बीते सत-जगों की सर्द राख में इक शरार भी नहीं दाग़ दाग़ ज़िंदगी पे… Read More »क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ
सरकारी स्कूल की खिचड़ी अच्छा है यही तुम मुझे भूखा ही सुलाना, अच्छी मेरी अम्मा कभी खिचड़ी न पकाना । स्कूल मे खिचड़ी ही तो… Read More »काज़िम जरवली की रचनाएँ
नाम बड़े, दर्शन छोटे नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे… Read More »काका हाथरसी की रचनाएँ
अदल-बदल अगर हम फिर से शुरू करें ज़िंदगी, तो क्या-क्या बदलोगे तुम? और क्या-क्या बदलूँगी मैं? मैं अपनी हर बात में सावन सी बरसती आँखों… Read More »शैलजा सक्सेना की रचनाएँ
दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं याँ बला-नोश हैं जो आए चढ़ा जाते… Read More »‘क़ाएम’ चाँदपुरी की रचनाएँ
बोल मजूरे हल्ला बोल बोल मजूरे हल्ला बोल काँप रही सरमाएदारी खुलके रहेगी इसकी पोल बोल मजूरे हल्ला बोल ! ख़ून को अपने बना पसीना तूने… Read More »कांतिमोहन ‘सोज़’ की रचनाएँ
प्रार्थना माँ सरस्वती! बसॅ हृदय में स्वीकार करॅ सुमन-चंदन। चरण-कमल रॅ दास बनाबॅ। सदा प्रार्थना शीश नमन। जे कुछ देखियै, सच-सच लिखियै, पाठक केॅ ले… Read More »कस्तूरी झा ‘कोकिल’ की रचनाएँ
स्वगत कविता सहेली की साल नहीं जिसे मौसम के मुताबिक माँग कर लपेट लिया जाए कविता मेरा मन है संवेदना है मुझसे फूटी हुई रसधारा… Read More »शैलप्रिया की रचनाएँ
पायताने बैठ कर १ एक छोटे बचे की हथेली में तेल से अम्मा एक गोल बनाती कहती ये लो लड्डू भैया दूसरी हथेली बढ़ा देता… Read More »शैलजा पाठक की रचनाएँ
लड़की बहुत ज़ोर से हँसती हो तुम ऐसे नहीं हँसते मुसकुराना तो और भी ख़तरनाक है चलते वक़्त भी ध्यान रखा करो क़दमों की आवाज़… Read More »शैलजा नरहरि