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Hindi

अनुज लुगुन की रचनाएँ

बाघ जंगल पहाड़ी के इस ओर है औरबाघ पहाड़ी के उस पारपहाड़ी के उस पार महानगर है, उसने अपने नाख़ून बढ़ा लिए हैंउसकी आँखेंपहले से… Read More »अनुज लुगुन की रचनाएँ

अनुज कुमार की रचनाएँ

कोई पूछता चावल,बोरे में बचा था कुछ चावल,चावल — जिससे मिटाते हैं भूख,चावल बस एक समय का । इन्तज़ार,रात का इन्तज़ार,स्याह होने का इन्तज़ार,इन्तज़ार-तारों का… Read More »अनुज कुमार की रचनाएँ

अनुज ‘अब्र’ की रचनाएँ

क्या करेंगे आप मेरे दिल का मंजर देखकर क्या करेंगे आप मेरे दिल का मंजर देखकर ख़ामुखा हैरान होंगे इक समंदर देखकर ये अमीरों की… Read More »अनुज ‘अब्र’ की रचनाएँ

अनु जसरोटिया की रचनाएँ

एक भी गुल पर कहीं नाम-ओ-निशाँ मेरा नहीं एक भी गुल पर कहीं नाम-ओ-निशाँ मेरा नहीं ये चमन मेरा नहीं ये गुलिस्ताँ मेरा नहीं। एक… Read More »अनु जसरोटिया की रचनाएँ

अनीस की रचनाएँ

सुनिये विटप प्रभु सुमन तिहारे हम सुनिये विटप प्रभु सुमन तिहारे हम , राखिहौ हमै तो सोभा रावरी बढ़ाय हैँ । तजिहौ हरखि कै तो… Read More »अनीस की रचनाएँ

अनीस अंसारी की रचनाएँ

गर मैं मिलने न गया उसने बुलाया भी न था गर मैं मिलने न गया उसने बुलाया भी न था आँच बाक़ी थी मगर आग… Read More »अनीस अंसारी की रचनाएँ

अनीता सिंह की रचनाएँ

फिर छाई है कारी बदरिया फिर छाई है कारी बदरियाओ पावस! बिन बरसे ना जा। दूर क्षितिज पर आँख गड़ायेफिर से बादल लौट न जायेरह… Read More »अनीता सिंह की रचनाएँ

अनीता वर्मा की रचनाएँ

वान गॉग के अन्तिम आत्मचित्र से बातचीत  एक पुराने परिचित चेहरे पर न टूटने की पुरानी चाह थी आंखें बेधक तनी हुई नाक छिपने की… Read More »अनीता वर्मा की रचनाएँ

अनीता मौर्या की रचनाएँ

तुम्हारा अक़्स उभरा जा रहा है  तुम्हारा अक़्स उभरा जा रहा है, लहू आँखों से बहता जा रहा है, मैं जितनी दूर होती जा रही… Read More »अनीता मौर्या की रचनाएँ

अनीता मिश्रा सिद्धि की रचनाएँ

बहुत कुछ कहना है  वो पल हमे दो ना बहुत कुछ कहना है सुनोगे मेरी बात या हँसी उड़ाओगे मेरी पागल तो नहीँ कहोगे। सुनो… Read More »अनीता मिश्रा सिद्धि की रचनाएँ