जोश मलीहाबादी की रचनाएँ
तू अगर सैर को निकले तो उजाला हो जाए तू अगर सैर को निकले तो उजाला हो जाए । सुरमई शाल का डाले हुए माथे… Read More »जोश मलीहाबादी की रचनाएँ
तू अगर सैर को निकले तो उजाला हो जाए तू अगर सैर को निकले तो उजाला हो जाए । सुरमई शाल का डाले हुए माथे… Read More »जोश मलीहाबादी की रचनाएँ
आग है आग तिरी तेग़-ए-अदा का पानी आग है आग तिरी तेग़-ए-अदा का पानी ऐसे पानी को मैं हरगिज़ न कहूँगा पानी न रहे आँख… Read More »जोश मलसियानी की रचनाएँ
अंत्येष्टि से पूर्व हे देव मुझे बिजलियाँ, अँधेरे और साँप डरा देते हैं मुझे घने जंगल की नागरिकता दो मेरे डर को मित्रता करनी होगी… Read More »जोशना बनर्जी आडवानी की रचनाएँ
मन मरन समय जब आवेगा मन मरन समय जब आवेगा। धन सम्पत्ति अरु महल सराएँ, छूटि सबै तब जावेगा ।। ज्ञान मान विद्या गुन माया,… Read More »जॉन क्रिश्चियन की रचनाएँ
उसके पहलू से लग के चलते हैं उसके पहलू से लग के चलते हैं हम कहीं टालने से टलते हैं मै उसी तरह तो बहलता… Read More »जॉन एलिया
गाँव का झल्ला Script हम मानुस की कोई जात नहीं महाराज जैसे कौवा कौवा होता है, सुग्गा, सुग्गा और ये छितरी पूँछ वाले अबाबील, अबाबील… Read More »जे० स्वामीनाथन की रचनाएँ
माँ पर हाइकु 1. तौल सके जो नहीं कोई तराजू माँ की ममता ! 2. समझ आई जब खुद ने पाई माँ की वेदना ! 3. माँ… Read More »जेन्नी शबनम की रचनाएँ
बिछड़ते दामनों में फूल की कुछ पत्तियाँ रख दो बिछड़ते दामनों में फूल की कुछ पत्तियाँ रख दो तअल्लुक़ की गिराँबारी में थोड़ी नर्मियाँ रख… Read More »जुबैर रिज़वी की रचनाएँ
मन तुम मलिनता तजि देहु मन तुम मलिनता तजि देहु। सरन गहु गोविंद की अब करत कासो नेहु॥ कौन अपने आप काके परे माया सेहु।… Read More »जुगलप्रिया की रचनाएँ
आषाढ़ तो आया आषाढ़ तो आया घास नहीं हो उठी झरबेरी हरी हरी। हथेलियाँ पसार दीं शूलों पर वार दीं टुकड़े हो टूट पड़ा आसमान… Read More »जीवन शुक्ल की रचनाएँ