रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ
जाड़े का सूरज जाड़े का सूरज कोहरे से झाँक रहा बटन मिर्जई में ज्यों कोई बूढ़ा टाँक रहा सहमे-सहमे पेड़ खड़े हर टहनी काँपे है… Read More »रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ
जाड़े का सूरज जाड़े का सूरज कोहरे से झाँक रहा बटन मिर्जई में ज्यों कोई बूढ़ा टाँक रहा सहमे-सहमे पेड़ खड़े हर टहनी काँपे है… Read More »रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ
बादा ए गुल को सब अंदोह रूबा कहते हैं बादा ए गुल को सब अंदोह रूबा कहते हैं अश्क ए गुल रंग में ढल जाए… Read More »‘रविश’ सिद्दीक़ी की रचनाएँ
अँखियों के झरोखों से अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए बंद करके झरोखों को, ज़रा… Read More »रविन्द्र जैन की रचनाएँ
प्रेम-1 प्रेम का मतलब है तुम्हारे साथ रहना प्रेम-2 तुम मुझे माफ़ नहीं करतीं पर सारे अपमान पी कर भी मैं तुम्हें मना लेता हूँ।… Read More »रविकान्त की रचनाएँ
किसी की सोच है बेटे को सिंहासन दिलाना है उसे मस्जिद बनानी है इसे मंदिर बनाना है मुझे बस एक चिंता,कैसे अपना घर चलाना है… Read More »रविकांत अनमोल की रचनाएँ
सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है कहूँ क्यूँ कर कि अहसास… Read More »रविंदर कुमार सोनी की रचनाएँ
अब उस फ़लक पे चान्द सजाता है कोई और अब उस फ़लक[1] पे चान्द सजाता है कोई और उनके शहर के नाज़ उठाता है कोई और… Read More »रवि सिन्हा की रचनाएँ
प्रेम करने से पहले मैं चाहूँगा, मेरे प्रेम करने से पहले नदियाँ अनवरत हो जाएँ और पत्थरों से टकराने का सिलसिला थम जाये ! डूब जाने… Read More »रवि प्रकाश की रचनाएँ
जब लफ़्ज़ थक गए तो सहारा नहीं दिया जब लफ़्ज़ थक गए तो सहारा नहीं दिया ख़ामोशियों ने साथ हमारा नहीं दिया। यूँ तो फ़लक… Read More »रवि ज़िया की रचनाएँ
मैं जाग रहा होता हूँ रात रात जबकि सभी लगे हैं इमारतों की उधेड़बुन में मैं एक बुत तराश रहा हूँ जबकि कांटों की बाड़… Read More »रवि कुमार की रचनाएँ