बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाएँ
चानन गाछ बनल छी चारू कात बसैए विषधर पोरे-पोर डसल छी एहि बिखाह जंगल मे हमही चानन गाछ बनल छी । खेत पथार धान उपटा… Read More »बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाएँ
चानन गाछ बनल छी चारू कात बसैए विषधर पोरे-पोर डसल छी एहि बिखाह जंगल मे हमही चानन गाछ बनल छी । खेत पथार धान उपटा… Read More »बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाएँ
यादें (अपने संघर्षशील पिता को याद करते हुए) बाबा तुम्हारी आवाज गुंजती है खेत-खलिहानों में लहलहाते खेतों में कलकल बहते नदी और झरनों में हर… Read More »बीरेन्द्र कुमार महतो की रचनाएँ
वंदना हे! शारदे माँ, हे! शारदे माँ हंस वाहिनी वीणापाणि, हे! वागेश्वरी आशीष दे माँ लेखनी मेरी सँवार दे माँ। उर में बहे प्रेम की… Read More »बीना रानी गुप्ता की रचनाएँ
उम्र की दास्तान लंबी है उम्र की दास्तान लम्बी है चैन कम है थकान लम्बी है हौसले देखिए परिंदों के पर कटे हैं उड़ान लम्बे… Read More »बी. आर. विप्लवी की रचनाएँ
माहि सरोवर सौरभ लै माहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु मारग मैं कै पोंछत… Read More »बिहारी की रचनाएँ
अब इश्क़ रहा न वो जुनूँ है अब इश्क़ रहा न वो जुनूँ है तूफ़ान के बाद का सुकूँ है एहसास को ज़िद है दर्द-ए-दिल… Read More »बिस्मिल सईदी की रचनाएँ
सरफ़रोशी की तमन्ना सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है एक से करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ… Read More »बिस्मिल अज़ीमाबादी की रचनाएँ
धूम ऐसी मचा गया कोहरा धूम ऐसी मचा गया कोहरा जैसे सूरज को खा गया कोहरा बन के अफ़वाह छा गया कोहरा बंद कमरों मे… Read More »बिरजीस राशिद आरफ़ी की रचनाएँ
नाम उस का नाम जब लेता हूँ होंटो पर ज़बाँ को फेरता हूँ क्यूँकि उस के नाम में उस की ज़बाँ उस के लबों का… Read More »बिमल कृष्ण अश्क की रचनाएँ
आओ चलो चलें आओ चलो चलें कुछ नेक काम करने भला और भलाई का एक काम करने। कुछ हम सीखें कुछ तुम सीखो न हम… Read More »बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा ‘बिन्दु’ की रचनाएँ