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Hindi

विशाल समर्पित की रचनाएँ

तुम जैसा मनमीत नहीं है कसम खुदा की खाकर कहता तुम जैसा मनमीत नहीं है जितनी सुन्दर तुम हो उतना, सुन्दर मेरा गीत नहीं है… Read More »विशाल समर्पित की रचनाएँ

विशाखा विधु की रचनाएँ

तेरी बस्ती का मंज़र देखती हूँ  तेरी बस्ती का मंजर देखती हूँ तबाही आज घर-घर देखती हूँ। बज़ाहिर मोम का पैकर है लेकिन वो अंदर… Read More »विशाखा विधु की रचनाएँ

विवेक तिवारी की रचनाएँ

इस धरती पर इस धरती पर किसी जगह एक रंग-बिरंगी अनन्त जिजीविषा से परिपूर्ण कोई खुशबू कोई मासूमियत और कोई मुस्कान जब अपने भीतर की… Read More »विवेक तिवारी की रचनाएँ

विवेक निराला की रचनाएँ

अभिधा की एक शाम नरबलि एक छोटी शाम जो लम्बी खिंचती जाती थी बिल्कुल अभिधा में। रक्ताभा लिए रवि लुकता जाता था। लक्षणा के लद… Read More »विवेक निराला की रचनाएँ

विवेक चतुर्वेदी की रचनाएँ

डोरी पर घर आँगन में बंधी डोरी पर सूख रहे हैं कपड़े पुरुष की कमीज और पतलून फैलाई गई है पूरी चैड़ाई में सलवटों में… Read More »विवेक चतुर्वेदी की रचनाएँ

वियोगी हरि की रचनाएँ

महाराणा प्रताप अणु-अणु पै मेवाड के, छपी तिहारी छाप। तेरे प्रखर प्रताप तें, राणा प्रबल प्रताप॥ जगत जाहिं खोजत फिरै, सो स्वतंत्रता आप। बिकल तोहिं… Read More »वियोगी हरि की रचनाएँ

विमलेश त्रिपाठी की रचनाएँ

वैसे ही आऊँगा मंदिर की घंटियों की आवाज़ के साथरात के चौथे पहरजैसे पंछियों की नींद को चेतना आती है किसी समय के बवंडर मेंखो… Read More »विमलेश त्रिपाठी की रचनाएँ

विमल राजस्थानी की रचनाएँ

क्रांति की लपट उठी क्रांति की लपट उठी शांति की जली कुटी तिनका-तिनका जल रहा चिंगारियों का झुंड बाँधकर हुजूम चल रहा क्रांति-दीप तरुण! आज… Read More »विमल राजस्थानी की रचनाएँ

विमल कुमार की रचनाएँ

दँगा — तीन कविताएँ एक एक दिन मैं भी मार दिया जाऊँगा किसी दँगे में फिर बीस साल बाद ये कहा जाएगाकि मैं मारा नहीं… Read More »विमल कुमार की रचनाएँ

विभा रानी श्रीवास्तवकी रचनाएँ

हाइकु -1 झरता पत्ता – मैं कब्रों के बीच में निशब्द खड़ी। चाल में सर्प श्रृंग से भू पे जल- सद्यस्नाता स्त्री मूढ़ हाट में-… Read More »विभा रानी श्रीवास्तवकी रचनाएँ