श्याम निर्मम की रचनाएँ
कण्ठ सभी भर्राए आँखों में सपनों की भरी नदी सूख गई, और हमें मरुथल के संग-संग बहना है। गढ़ते वक्तव्य रहे बस्ती के सीने पर,… Read More »श्याम निर्मम की रचनाएँ
कण्ठ सभी भर्राए आँखों में सपनों की भरी नदी सूख गई, और हमें मरुथल के संग-संग बहना है। गढ़ते वक्तव्य रहे बस्ती के सीने पर,… Read More »श्याम निर्मम की रचनाएँ
अहसासों का चौरा दरका कौन करे दिये-बत्तियाँ तुमने जो लिखी नहीं मैंने जो पढ़ी नहीं आँखों में तैर रहीं चिट्ठियाँ छाती से सूरज का दग्ध-लाल… Read More »श्याम नारायण मिश्र की रचनाएँ
कुत्ते की दुम जब भी किसी कोने से उठती है पुकार कोयल की तभी भौंकने लगता है मेरे पड़ौसी का कुत्ता और मैं कोयल की… Read More »श्याम किशोर सेठ की रचनाएँ
क्रांतिकारी विचार तुम दफ़ना आए थे उन्हें पहाड़ों के पार गहरी क़ब्रों के भीतर लेकिन वहाँ हरी-हरी घास उग आई है भीतर की नन्हीं-नन्हीं जीवित… Read More »श्याम कश्यप की रचनाएँ
सफ़र है, सफ़र में सबर रख के चल सफ़र है, सफ़र में सबर रख के चल कहाँ है तू इसकी ख़बर रख के चल कहीं… Read More »श्याम कश्यप बेचैन की रचनाएँ
ऐ हज़रत ईसा नहीं कुछ जा-ए-सुख़न अब ऐ हज़रत ईसा नहीं कुछ जा-ए-सुख़न अब वो आ गए रखवाइए तह कर के कफ़न अब सींचा गया… Read More »‘शोला’ अलीगढ़ी की रचनाएँ
अब जी रहा हूँ गर्दिश-ए-दौराँ के साथ-साथ अब जी रहा हूँ गर्दिश-ए-दौराँ के साथ-साथ ये नागवार फ़र्ज़ अदा कर रहा हूँ मैं ऐ रब्ब-ए-ज़ुल-जलाल तिरी… Read More »शोरिश काश्मीरी की रचनाएँ
ख़्वाब थे मेरे कुछ सुहाने से ख़्वाब थे मेरे कुछ सुहाने से, आपको क्या मिला मिटाने से। राहे-हक़ पर जो लोग चलते हैं, ख़ौफ़ खाते… Read More »शोभा कुक्कल की रचनाएँ
गजलें हसरतों का चला रतजगा रात भर हसरतों का चला रतजगा रात भर धड़कनों का सफ़र साथ था रात भर भागता अजनबी-सा रहा दूर दिन… Read More »शोभना ‘श्याम’ की रचनाएँ
अनारकली, जॉब कार्ड और सूरजकली कई-कई दिन लौटी है अनारकली………… जॉब कार्ड दिखाकर काम की तलाश में भटकी है आज-कल के चक्कर में अधिकारियों की… Read More »शोभनाथ शुक्ल की रचनाएँ