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कामिनी कौशल की रचनाएँ

रंग-रंग का खाना  आज रात बिस्तर में लेटे सोचा मैंने ध्यान लगाकर, कितने रंग की चीजें खाईं मैंने दिन भर मँगा-मँगाकर। श्वेत रंग का दूध… Read More »कामिनी कौशल की रचनाएँ

शैलेन्द्र की रचनाएँ

जिस ओर करो संकेत मात्र  जिस ओर करो संकेत मात्र, उड़ चले विहग मेरे मन का, जिस ओर बहाओ तुम स्वामी,बह चले श्रोत इस जीवन… Read More »शैलेन्द्र की रचनाएँ

कामताप्रसाद ‘गुरु’ की रचनाएँ

छड़ी हमारी  यह सुंदर छड़ी हमारी, है हमें बहुत ही प्यारी। यह खेल समय हर्षाती, मन में है साहस लाती, तन में अति जोर जगाती,… Read More »कामताप्रसाद ‘गुरु’ की रचनाएँ

‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ

तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए जिगर में फूल खिलें आँख शबनमी हो जा अजला… Read More »‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ

कात्यायनी की रचनाएँ

सात भाइयों के बीच चम्पा सात भाइयों के बीच चम्पा सयानी हुई। बाँस की टहनी-सी लचक वाली बाप की छाती पर साँप-सी लोटती सपनों में… Read More »कात्यायनी की रचनाएँ

क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ

टूरिस्ट  हमारे पास कुछ नहीं जाओ अब हमारे पास कुछ नहीं बीते सत-जगों की सर्द राख में इक शरार भी नहीं दाग़ दाग़ ज़िंदगी पे… Read More »क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ

काज़िम जरवली की रचनाएँ

सरकारी स्कूल की खिचड़ी अच्छा है यही तुम मुझे भूखा ही सुलाना, अच्छी मेरी अम्मा कभी खिचड़ी न पकाना । स्कूल मे खिचड़ी ही तो… Read More »काज़िम जरवली की रचनाएँ

काका हाथरसी की रचनाएँ

नाम बड़े, दर्शन छोटे नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे… Read More »काका हाथरसी की रचनाएँ

शैलजा सक्सेना की रचनाएँ

अदल-बदल  अगर हम फिर से शुरू करें ज़िंदगी, तो क्या-क्या बदलोगे तुम? और क्या-क्या बदलूँगी मैं? मैं अपनी हर बात में सावन सी बरसती आँखों… Read More »शैलजा सक्सेना की रचनाएँ

‘क़ाएम’ चाँदपुरी की रचनाएँ

दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं याँ बला-नोश हैं जो आए चढ़ा जाते… Read More »‘क़ाएम’ चाँदपुरी की रचनाएँ