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Authorwise

उमेश चौहान की रचनाएँ

सुनो, सुनो, सुनो !  पैदा हुए उन्नीस बोरे धान मन में सज गए हज़ारों अरमान लेकिन निर्मम था मण्डी का विधान ऊपर था खुला आसमान… Read More »उमेश चौहान की रचनाएँ

उमा शंकर सिंह परमार की रचनाएँ

ये जो दिख रहे हैं  ये जो दिख रहे हैं इच्छाधारी लोग हैं जो लगातार अपनी कविताओं मे पूँजीवाद का पुतला फूँक रहें हैं शाम… Read More »उमा शंकर सिंह परमार की रचनाएँ

उमाशंकर तिवारी की रचनाएँ

आ गए कुहरे भरे दिन आ गए, कुहरे भरे दिन आ गए। मेघ कन्धों पर धरे दिन आ गए । धूप का टुकडा़ कहीं भी… Read More »उमाशंकर तिवारी की रचनाएँ

सपना चमड़िया की रचनाएँ

गुजरात और इराक की माएं अभी दस दिन सिर्फ दस दिन हुए हैं मेरे बच्चे को घर से गये कपड़े उसके मैंने ही रखे थे… Read More »सपना चमड़िया की रचनाएँ

सदा अम्बालवी की रचनाएँ

चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं नहीं बदलता ज़माना तो हम बदलते हैं… Read More »सदा अम्बालवी की रचनाएँ

सत्यवान सौरभ की रचनाएँ

योद्धा बनें, आज वतन की आस लोग सभी खामोश हैं, दुबके सभी प्रधान! सरकारी सेवक बनें, सब के दयानिधान! कोरोना से लड़ रहे, भूलें आज… Read More »सत्यवान सौरभ की रचनाएँ

सत्येन्द्र श्रीवास्तव की रचनाएँ

यह घड़ी सामने जो बुत बनी-सी चुप खड़ी है वह परीक्षण की घड़ी है डेस्क पर रक्खे पड़े हैं कई कोरे पृष्ठ अँगुलियों में जड़… Read More »सत्येन्द्र श्रीवास्तव की रचनाएँ

सत्यानन्द निरुपम की रचनाएँ

कुहूकिनी रे!  कुहूकिनी रे, बौराए देती है तेरी आवाज़. कहीं सेमल का फूल कोई चटखा है लाल तेरी हथेली का रंग मुझे याद आया है… Read More »सत्यानन्द निरुपम की रचनाएँ

शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

होली के छंद होरी है होरी आज, खेलो ब्रजराज कृष्ण, ब्रजबाला संग रंग डारे बरजोरी है। राधा कृष्ण रंगे रंग, गुवालिये बजावे चंग, नांच रही… Read More »शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ