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संध्या पेडणेकर की रचनाएँ

रिश्ते स्नेह नहीं शुष्क काम है लपलप वासना है क्षणभंगुर क्षण के बाद रीतनेवाली मतलब से जीतनेवाली रिश्तेदारी है खाली घड़े हैं अनंत पड़े हैं… Read More »संध्या पेडणेकर की रचनाएँ

शाहिद मिर्ज़ा शाहिद की रचनाएँ

जो ग़ज़लें मंसूब हैं तुमसे उनको फिर दोहराना है जो ग़ज़लें मंसूब हैं तुमसे उनको फिर दोहराना है रूठे हुए गीतों की ख़ातिर तुमको लौट… Read More »शाहिद मिर्ज़ा शाहिद की रचनाएँ

संध्या नवोदिता की रचनाएँ

औरतें-1 कहाँ हैं औरतें ? ज़िन्दगी को रेशा-रेशा उधेड़ती वक़्त की चमकीली सलाइयों में अपने ख़्वाबों के फंदे डालती घायल उँगलियों को तेज़ी से चला रही… Read More »संध्या नवोदिता की रचनाएँ

संध्या गुप्ता की रचनाएँ

अधूरा मकान-1  उस रास्ते से गुज़रते हुए अक्सर दिखाई दे जाता था वर्षों से अधूरा बना पड़ा वह मकान वह अधूरा था और बिरादरी से… Read More »संध्या गुप्ता की रचनाएँ

शाहिद माहुली की रचनाएँ

हाशिये पर कुछ हक़ीक़त कुछ फ़साना ख़्वाब का हाशिये[1] पर कुछ हक़ीक़त कुछ फ़साना ख़्वाब का एक अधूरा-सा है ख़ाका[2] ज़िंदगी के बाब का रंग सब धुँधला… Read More »शाहिद माहुली की रचनाएँ

शाहिद कबीर की रचनाएँ

आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए मेरी आंखें सुर्ख़ तेरे हाथ पीले हो… Read More »शाहिद कबीर की रचनाएँ

संदीप ‘सरस’ की रचनाएँ

गीत  शारदे लेखनी में समा जाइए शारदे लेखनी में समा जाइए, मेरे गीतों की गरिमा सँवर जायेगी। प्रेरणा आप हो अर्चना आप हो, मेरे मन… Read More »संदीप ‘सरस’ की रचनाएँ

संदीप द्विवेदी की रचनाएँ

मैं धन्य हूँ जन्मा यहाँ भारत भुवन की नींव में है शौर्य की उत्रिष्ठ प्रतिमा भारत के कंठों में भरी है वीरता की दिव्य गरिमा… Read More »संदीप द्विवेदी की रचनाएँ

संतोष श्रीवास्तव की रचनाएँ

बचा लेता है  कागज वज़नदार होता है जब नोट बन जाता है रौंद डालता है सारे आदर्श, मानवीयता, रिश्ते निगल लेता है जीवन मूल्य झोपड़ी… Read More »संतोष श्रीवास्तव की रचनाएँ

शाहिद अख़्तर की रचनाएँ

चंद शब्दों से नहीं बनती है कविता  महज चंद शब्‍दों और चंद बिंबों से नहीं बनती है कविता कविता कोई भात नहीं कविता कोई सब्‍ज़ी… Read More »शाहिद अख़्तर की रचनाएँ