हरिदास की रचनाएँ
तिनका बयारि के बस तिनका बयारि के बस। ज्यौं भावै त्यौं उडाइ लै जाइ आपने रस॥ ब्रह्मलोक सिवलोक और लोक अस। कह ‘हरिदास बिचारि देख्यो,… Read More »हरिदास की रचनाएँ
तिनका बयारि के बस तिनका बयारि के बस। ज्यौं भावै त्यौं उडाइ लै जाइ आपने रस॥ ब्रह्मलोक सिवलोक और लोक अस। कह ‘हरिदास बिचारि देख्यो,… Read More »हरिदास की रचनाएँ
आख़िर-ए-शब वो तेरी अँगड़ाई आख़िर-ए-शब वो तेरी अँगड़ाई कहकशाँ भी फलक पे शरमाई आप ने जब तवज्जोह फ़रमाई गुलशन-ए-ज़ीस्त में बहार आई दास्ताँ जब भी… Read More »‘अज़ीज़’ वारसी की रचनाएँ
शेर-1 (1) हिफाजत करने वाले खिरमनों1 के मुतमईन2 बैठें, तजल्ली3 बर्क4 की महदूद5 मेरे आशियाँ तक है। (2) सुरूरे-शब6 की नहीं सुबह का खुमार7 हूँ मैं, निकल चुकी है जो गुलशन से… Read More »अज़ीज़ लखनवी की रचनाएँ
आँखों के ग़म-कदों में उजाले आँखों के ग़म-कदों में उजाले हुए तो हैं बुनियाद एक ख़्वाब की डाले हुए तो हैं तलवार गिर गई है… Read More »अज़ीज़ ‘नबील’ की रचनाएँ
हैयूला मह ओ साल के ताने बाने को ज़र्रीं शुआओं की गुल-कारियाँ मेरी नज़रों ने बख़्शी हैं आफ़ाक़ के ख़द्द-ओ-ख़ाल-ए-बहार-आफ़रीं में मिरे ख़ूँ की सौग़ात… Read More »अज़ीज़ तमन्नाई की रचनाएँ
अल्फ़-लैला की आख़िरी सुब्ह फ़साना कैसे बढ़े न कोई साहिर-ए-पज़मुर्दा सिन न सौदागर न चीन से कोई आए न बाख़्तर से कोई बलख़ के शहर… Read More »अज़ीज़ क़ैसी की रचनाएँ
चलो ये तो सलीका है बुरे को मत बुरा कहिए चलो ये तो सलीका है बुरे को मत बुरा कहिए मगर उनकी तो ये ज़िद… Read More »अज़ीज़ आज़ाद की रचनाएँ
हर इक फ़नकार ने जो कुछ भी लिक्खा ख़ूब-तर लिक्खा हर इक फ़नकार ने जो कुछ भी लिक्खा ख़ूब-तर लिक्खा हवा ने पानियों पर पानियों… Read More »अज़ीज़ अहमद खाँ शफ़क़ की रचनाएँ
पिता की मृत्यु पर पिता की मृत्यु पर जब खुल कर नही रोया मैं और एकांत में दहाड़ कर कहा मौत से अभी देर से… Read More »अजित की रचनाएँ
मैं तेरा शाहजहाँ तू मेरी मुमताज महल मैं तेरा शाहजहाँ तू मेरी मुमताज महल आ तुझे प्यार की अनमोल निशानी दे दूँ हाय ये नाज़… Read More »अजमल सुल्तानपुरी की रचनाएँ