लाखन सिंह भदौरिया की रचनाएँ
मुक्तक धूप जैसे गन्ध में, आकर नहाये। रूप जैसे छन्द में, आकर नहाये। नाद लय में याद यों डूबी हुई- पीर के आनन्द में, गाकर… Read More »लाखन सिंह भदौरिया की रचनाएँ
मुक्तक धूप जैसे गन्ध में, आकर नहाये। रूप जैसे छन्द में, आकर नहाये। नाद लय में याद यों डूबी हुई- पीर के आनन्द में, गाकर… Read More »लाखन सिंह भदौरिया की रचनाएँ
प्रेम पर फुटकर नोट्स- 1 जिन्हें यात्राओं से प्रेम होता है वे यात्री की तरह कम फ़क़ीरों की तरह अधिक यात्रा करते हैं जिन्हें स्त्रियों… Read More »लवली गोस्वामी की रचनाएँ
बानर जी आँखों पर चश्मा है सुंदर, सिर पर गांधी टोपी है, और गले में पड़ा दुपट्टा, निकली बाहर चोटी है। टेबिल लगा बैठ कुरसी… Read More »लल्लीप्रसाद पांडेय की रचनाएँ
आईना भी मुझे बरगलाता रहा ग़ज़ल आईना भी मुझे , बरगलाता रहा ! दाहिने को वो बाँया दिखाता रहा !! दुश्मनी की अदा देखिये तो सही ! करके… Read More »ललित मोहन त्रिवेदी की रचनाएँ
नैन चकोर, मुखचंद कौं वारि डारौं नैन चकोर, मुखचंद ँकौं वारि डारौं, वारि डारौं चित्तहिं मनमोहन चितचोर पै। प्रानहूँ को वारि डारौं हँसन दसन लाल,… Read More »ललित किशोरी की रचनाएँ
गर्वोक्ति न ऊधो का लिया न माधो का दिया न किसी का भला न बुरा ही किया चलती रही साँस जब तक जिया इसी तरह… Read More »ललन चतुर्वेदी की रचनाएँ
अजब नजारे हवा चल रही तेज बड़ी थी, एक खटइया कहीं पड़ी थी! उड़ी खटइया आसमान में, फिर मच्छर के घुसी कान में! वहीं खड़ा… Read More »लता पंत की रचनाएँ
रुद्राणी मेरे महादेव तू है मुझमें तभी मैं तुझसे ज्योतिर्मय हूँ तू चक्षु मध्य आबद्ध मेरे हुए ज्योतिर्मय, मैं शिवमय हूँ… आसक्त हृदय यह रुद्र… Read More »लता सिन्हा ‘ज्योतिर्मय’ की रचनाएँ
साँझ ही सोँ रंगरावटी मेँ मधुरे सुर मोदन गाय रही हैँ साँझ ही सोँ रंगरावटी मेँ मधुरे सुर मोदन गाय रही हैँ । सांवरे रावरे… Read More »लछिराम की रचनाएँ
अँधेरे के दिन बदल गए हैं अँधेरों के दिन अब वे नहीं निकलते सहमे, ठिठके, चुपके-चुपके रात के वक्त वे दिन-दहाड़े घूमते हैं बस्ती में… Read More »लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की रचनाएँ