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रंजूर अज़ीमाबादी की रचनाएँ

देता है मुझ को चर्ख़-ए-कुहन बार बार दाग़  देता है मुझ को चर्ख़-ए-कुहन बार बार दाग़ उफ़ एक मेरा सीना है उस पर हज़ार दाग़… Read More »रंजूर अज़ीमाबादी की रचनाएँ

रंजीता सिंह फ़लक की रचनाएँ

तुम्हारा इन्तज़ार कई प्रतिक्षाएँ होती हैं अन्धी अन्तहीन सुरँग-सी, जिनमें आँख की कोर से प्यार के मौसम में खिले ढेर सारे ख़्वाबों के फूल और… Read More »रंजीता सिंह फ़लक की रचनाएँ

रंजीत वर्मा की रचनाएँ

  नहीं देख पाऊंगा यह सच दिल्ली की सड़कें कितनी वीरान है यह मैंने जाना तुम्हारे जाने के बाद तुम जहां नहीं होती वहां छांह… Read More »रंजीत वर्मा की रचनाएँ

रंजना सिंह ‘अंगवाणी बीहट की रचनाएँ

माँ शारदे वंदना  करती सदा, ये कामना, मन में बसे, ये भावना। करती रहूँ, माँ याचना। तेरी करूँ , मैं साधना। करबद्ध माँ, है प्रार्थना,… Read More »रंजना सिंह ‘अंगवाणी बीहट की रचनाएँ

रंजना वर्मा की रचनाएँ

आप आयेंगें जान आयेगी आप आयेंगे जान आयेगी पंछियों में उड़ान आयेगी ये कलम आप की बदौलत ही ले के’ खुशियाँ महान आयेगी जिंदगी खुशनसीब… Read More »रंजना वर्मा की रचनाएँ

रंजना मिश्र की रचनाएँ

अंजुम के लिए (१) कितने दिनों से याद नहीं आया गली के मोड़ पर खड़ा वह शोहदा सायकिल पर टिककर जो मुझे देख गाने गाया… Read More »रंजना मिश्र की रचनाएँ

रंजना भाटिया की रचनाएँ

प्यासी है नदिया ख़ुद और प्यासा ही पानी है सुख -दुख के दो किनारों से सजी यह जिदंगानी है हर मोड़ पर मिल रही यहाँ… Read More »रंजना भाटिया की रचनाएँ

रंजना जायसवाल की रचनाएँ

आकांक्षा  स्त्री निचोड़ देती है बूँद-बूँद रक्त फिर भी हरे नहीं होते उसके सपने। जब मैं स्त्री हूँ (कविता)  मैं स्त्री हूँ और जब मैं… Read More »रंजना जायसवाल की रचनाएँ

रंजना गुप्ता की रचनाएँ

नियति  मै नियति की क्रूर लहरों पर सदा से ही पली हूँ … जेठ का हर ताप सह कर बूंद बरखा की चखी है.. टूट… Read More »रंजना गुप्ता की रचनाएँ