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ख़ान-ए-आरज़ू सिराजुद्दीन अली की रचनाएँ

फलक ने रंज तीर आह से मेरे ज़ि-बस खेंचा फलक ने रंज तीर आह से मेरे ज़ि-बस खेंचा लबों तक दिल से शब नाले को… Read More »ख़ान-ए-आरज़ू सिराजुद्दीन अली की रचनाएँ

खलीलुर्रहमान आज़मी की रचनाएँ

नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं कुछ बहाने मेरे जीने के लिए और भी हैं… Read More »खलीलुर्रहमान आज़मी की रचनाएँ

खगेंद्र ठाकुर की रचनाएँ

वे लेखक नहीं हैं  वे लिखते हैं लेकिन कागज पर नहीं वे लिखते हैं धरती पर वे लिखते हैं लेकिन कलम से नहीं वे लिखते… Read More »खगेंद्र ठाकुर की रचनाएँ

वाजिद अली शाह की रचनाएँ

गर्मियाँ शोखियाँ किस शान से हम  गर्मियाँ शोख़ियाँ किस शान से हम देखते हैं क्या ही नादानियाँ नादान से हम देखते हैं ग़ैर से बोसा-ज़नी… Read More »वाजिद अली शाह की रचनाएँ

क्रांति की रचनाएँ

पता नहीं क्या था मेरा, तुम्हारे पास आना तीर-बिंधे हंस का सिद्धार्थ के पास आना था; तुम्हारा मुझे देवव्रतों को सौंप देना पता नहीं क्या… Read More »क्रांति की रचनाएँ

कौशलेन्द्र शर्मा ‘अभिलाष’ की रचनाएँ

कैसी होगी मेरी पहली रचना रोज सुनूँ मैं अच्छी अच्छी बातें, मिलती थी नवचिंतन की सौगातें। मधुर मिलन की या पखेरु सा होना, कैसी होगी… Read More »कौशलेन्द्र शर्मा ‘अभिलाष’ की रचनाएँ

वाज़दा ख़ान की रचनाएँ

शिकार विषादयुक्त चेहरे चेहरों पर चढ़े मुखौटे टँगे हैं जैसे खूँटी पर एक दो तीन चार… गिनती में शायद वे दस हैं तलाशते हुए कोई… Read More »वाज़दा ख़ान की रचनाएँ

कौशल किशोर की रचनाएँ

नई शुरुआत यह कविता मई 1974 की रेल हड़ताल के दौरान लिखी गई थी दादी सुना नहीं तुमने बाबूजी हड़ताल पर हैं कन्धे पर यूनियन… Read More »कौशल किशोर की रचनाएँ

वहाब दानिश की रचनाएँ

इब्राहीम दीदा  मुख़ातिब आसमाँ है या ज़मीं मालूम कर लेना कि दोनों के लिए तश्बीब के मिसरे अलग से हैं कहीं ऐसा न हो कि… Read More »वहाब दानिश की रचनाएँ

‘वहशत’ रज़ा अली कलकत्वी

आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे  आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे ये मयस्सर हो तो फिर क्यूँ कोई… Read More »‘वहशत’ रज़ा अली कलकत्वी