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‘खावर’ जीलानी की रचनाएँ

अता के रोज़-ए-असर से भी टूट सकती थी अता के रोज़-ए-असर से भी टूट सकती थी वो शाख़ बार-ए-समर से भी टूट सकती थी मैं… Read More »‘खावर’ जीलानी की रचनाएँ

खेम की रचनाएँ

भूषण स्वेत महा छवि सुंदर सानि सुवास रची सब सोने भूषण स्वेत महा छवि सुंदर सानि सुवास रची सब सोने । गोरे से अँग गरूर… Read More »खेम की रचनाएँ

खातिर ग़ज़नवी की रचनाएँ

आरज़ूएँ ना-रसाई रू-ब-रू मैं और तू  आरज़ूएँ ना-रसाई रू-ब-रू मैं और तू क्या अजब क़ुर्बत थी वो भी मैं न तू मैं और तू झुटपुटा… Read More »खातिर ग़ज़नवी की रचनाएँ

ख़्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ की रचनाएँ

दोस्त हो जब दुश्मने-जाँ  दोस्त हो जब दुश्मन-ए-जाँ तो क्या मालूम हो आदमी को किस तरह अपनी कज़ा मालूम हो आशिक़ों से पूछिये खूबी लब-ए-जाँबख्श… Read More »ख़्वाजा हैदर अली ‘आतिश’ की रचनाएँ

ख़्वाजा मीर दर्द की रचनाएँ

तुहमतें चन्द अपने ज़िम्मे धर चले तुहमतें चन्द अपने ज़िम्मे धर चले किसलिए आये थे हम क्या कर चले ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान है… Read More »ख़्वाजा मीर दर्द की रचनाएँ

ख़्वाजा जावेद अख़्तर की रचनाएँ

आँखों में बीज ख़्वाब का बोने नहीं दिया  आँखों में बीज ख़्वाब का बोने नहीं दिया इक पल भी उस ने चैन से सोने नहीं… Read More »ख़्वाजा जावेद अख़्तर की रचनाएँ

ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ की रचनाएँ

अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं  अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे हैं क्या कहें ख़ुद ही चराग़ों को बुझा बैठे हैं… Read More »ख़ुशबीर सिंह ‘शाद’ की रचनाएँ

ख़ुर्शीद-उल-इस्लाम की रचनाएँ

इंक़िलाब  वो कारवान-ए-गुल-ए-ताज़ा जिस के मुज़्दे से दिमाग़-ए-इश्क़ मोअत्तर है और फ़ज़ा मामूर दिलों से कितना क़रीं है नज़र से कितनी दूर इंतिज़ार की रात… Read More »ख़ुर्शीद-उल-इस्लाम की रचनाएँ

ख़ुर्शीद अहमद ‘जामी’ की रचनाएँ

ऐ इंतिज़ार-ए-सुब्ह-ए-तमन्ना ये क्या हुआ  ऐ इंतिज़ार-ए-सुब्ह-ए-तमन्ना ये क्या हुआ आता है अब ख़याल भी तेरा थका हुआ पहचान भी सकी मेरी ज़िंदगी मुझे इतनी… Read More »ख़ुर्शीद अहमद ‘जामी’ की रचनाएँ

ख़ुर्शीद अकरम की रचनाएँ

अक़्ल बड़ी बे-रहम थी दिल को उस के दुख की घड़ी में तन्हा छोड़ दिया जिस्म ने लेकिन साथ दिया दुख के गहरे सागर में… Read More »ख़ुर्शीद अकरम की रचनाएँ