अनिरुद्ध प्रसाद विमल की रचनाएँ
वरदान चाहियो हमरा देशोॅ के उत्थान चाहियोॅप्रभु यहेॅ विमल वरदान चाहियोॅ। हर गीत यहाँ पर टूटलोॅ छैहर साज यहाँ बिखरलोॅ छैअपने लोगोॅ के भीतर घात… Read More »अनिरुद्ध प्रसाद विमल की रचनाएँ
वरदान चाहियो हमरा देशोॅ के उत्थान चाहियोॅप्रभु यहेॅ विमल वरदान चाहियोॅ। हर गीत यहाँ पर टूटलोॅ छैहर साज यहाँ बिखरलोॅ छैअपने लोगोॅ के भीतर घात… Read More »अनिरुद्ध प्रसाद विमल की रचनाएँ
फुलबसिया फुलबसिया फुलबसियाउतर गईखेतों मेंहाथों में लेकर हँसियाफुलबसिया की कायासाँवली अमा हैचमक रहा हाथों मेंकिन्तु चन्द्रमा हैयह चन्द्रमादूध-भातक्या देगा बच्चों कोलाएगा पेज और पसियाफुलबसियापल्लू को… Read More »अनिरुद्ध नीरव की रचनाएँ
झूलता स्वप्न आकाश से उतरा एक झूला कमरे की छत पर उसमें एक हरा तोता एक कव्वा पुष्प पारिजात के भीतर से मैंने कहा ‘ये… Read More »अनिरुद्ध उमट की रचनाएँ
दोहे भौंचक्की सी जूलिएट, कैसे देखे ख़्वाब। दिखा आज जब रोमियो, लिए हुए तेज़ाब॥ चाल अजब है प्रेम की, खो कर ही मिल पाय। छाप… Read More »अनिमेष मुखर्जी की रचनाएँ
मन्नत का धागा प्रेम का धागा लपेट दिया है मैनें तुम्हारे चारों ओर.… तुम्हारा नाम पढ़ते हुए… तुमसे ही छुपा कर! और बाँध दी अपनी… Read More »अनिता ललित की रचनाएँ
उड़ान उसे कितना भी बाँधो घर-बार के खूँटे से भांड- बर्तन, कपड़े- लत्ते प्यार- स्नेह के बन्धन से या फिर अपनी उदीप्त अभिशप्त आलिंगन में,… Read More »अनिता भारती की रचनाएँ
नींद टूटने तक भाग्य छलता है आकांक्षाएँ छलती है आदमी की नींद उजाले को छलती है उजाला आदमी की नींद को नींद टूटने तक अभ्यास… Read More »अनिता अग्रवाल की रचनाएँ
अयाचित मेरे भंडार मेंएक बोरा ‘अगला जनम’‘पिछला जनम’ सात कार्टनरख गई थी मेरी माँ। चूहे बहुत चटोरे थेघुनों को पता ही नहीं थाकुनबा सीमित रखने… Read More »अनामिका की रचनाएँ
अनकही वह कहता था वह सुनती थी जारी था एक खेल कहने सुनने का खेल में थी दो पर्चियाँ एक में लिखा था ‘कहो’ एक… Read More »शरद कोकास की रचनाएँ
कंतक थैया कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ! चंदा भागा पइयाँ पइयाँ! यह चंदा चरवाहा है, नीले-नीले खेत में! बिल्कुल सैंत मैंत में, रत्नों भरे खेत में!… Read More »श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ