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अनिमेष मुखर्जी

अनिमेष मुखर्जी की रचनाएँ

दोहे भौंचक्की सी जूलिएट, कैसे देखे ख़्वाब। दिखा आज जब रोमियो, लिए हुए तेज़ाब॥ चाल अजब है प्रेम की, खो कर ही मिल पाय। छाप… Read More »अनिमेष मुखर्जी की रचनाएँ