रज़ा लखनवी की रचनाएँ
ख़याल-ए-हुस्न में यूँ ज़िंदगी तमाम हुई ख़याल-ए-हुस्न में यूँ ज़िंदगी तमाम हुई हसीन सुब्ह हुई और हसीन शाम हुई बक़ार-ए-इश्क़ बस अब सर झुका दे… Read More »रज़ा लखनवी की रचनाएँ
ख़याल-ए-हुस्न में यूँ ज़िंदगी तमाम हुई ख़याल-ए-हुस्न में यूँ ज़िंदगी तमाम हुई हसीन सुब्ह हुई और हसीन शाम हुई बक़ार-ए-इश्क़ बस अब सर झुका दे… Read More »रज़ा लखनवी की रचनाएँ
ज़रा सी मश्क़ करे बे-ज़मीर बन जाए ज़रा सी मश्क़ करे बे-ज़मीर बन जाए तो क्या अजब है कि इंसाँ वज़ीर बन जाए जो काम-चोर… Read More »रज़मी सिद्दीक़ी की रचनाएँ
अभी से मत कहो दिल का ख़लल जावे तो बेहतर है अभी से मत कहो दिल का ख़लल जावे तो बेहतर है ये राह-ए-इश्क़ है… Read More »रजब अली बेग ‘सुरूर’की रचनाएँ
आँधियाँ चलने लगीं हैं आँधियाँ चलने लगीं हैं फिर हमारे गाँव झर रहे ख़ामोश पत्ते उम्र से ज्यों छिन ज़िन्दगी के चार में से रह… Read More »रजनी मोरवाल की रचनाएँ
शिक्षा का परचम तू पढ़ महाभारत न बन कुन्ती, न द्रोपदी। पढ़ रामायण न बन सीता, न कैकेयी। पढ़ मनुस्मृति उलट महाभारत, पलट रामायण। पढ़… Read More »रजनी तिलक की रचनाएँ
हमारी कविता हमारी कविता तुम कल्पना पर होकर सवार लिखते हो कविता और हमारी कविता रोटी बनाते समय जल जाती है अक्सर कपड़े धोते हुए… Read More »रजनी अनुरागी की रचनाएँ
सन्नाटा भारी होता है सन्नाटा वह जो फ़सल कटने के बाद खेतों में पसरा करता । सन्नाटा वह भारी होता उससे भी ज़्यादा बेटी की… Read More »रजत कृष्ण की रचनाएँ
पंख जो होते एक चिड़िया के बच्चे चार उड़ गए देखो पंख पसार, रस्ते में जो भूख लगी उतरे वे सब बीच बजार। बीच बजार… Read More »रचना सिद्धा की रचनाएँ
हाइकु-1 1 हाथ पे गिरी प्रेम बूँद ,जीवन महक गया 2 तुम सूरज मै किरण तुम्हारी साथ जलती 3 संध्या को भूल ऊषा से प्यार… Read More »रचना श्रीवास्तव की रचनाएँ
बतकही घर की छत पर रखे अचार, पापड़ और बड़ियाँ मायूस थे पास की छत पर पसरी ओढ़नी और अम्मा की साड़ी धीमे धीमे बतिया… Read More »रचना दीक्षित की रचनाएँ