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रज़मी सिद्दीक़ी

रज़मी सिद्दीक़ी की रचनाएँ

ज़रा सी मश्क़ करे बे-ज़मीर बन जाए  ज़रा सी मश्क़ करे बे-ज़मीर बन जाए तो क्या अजब है कि इंसाँ वज़ीर बन जाए जो काम-चोर… Read More »रज़मी सिद्दीक़ी की रचनाएँ