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बलजीत सिंह मुन्तज़िर की रचनाएँ

ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र हो गए ज़िन्दगानी के भी कैसे-कैसे मंज़र[1] हो गए । बे-सरोसामाँ[2] तो थे ही, अब तो बेघर हो गए । तुमसे मिलने… Read More »बलजीत सिंह मुन्तज़िर की रचनाएँ

बद्रीनारायण की रचनाएँ

कवि कुल परम्परा आकाश में मेरा एक नायक है राहू गगन दक्षिणावर्त में जग-जग करता धीर मन्दराचल-सा सिंधा, तुरही बजा जयघोष करता चन्द्रमा द्वारा अपने… Read More »बद्रीनारायण की रचनाएँ

बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’की रचनाएँ

मुरली राजत अधर पर मुरली राजत अधर पर उर विलसत बनमाल। आय सोई मो मन बसौ सदा रंगीले लाल॥ सीस मुकुट कर मैं लकुट कटि… Read More »बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’की रचनाएँ

बंधुरत्न की रचनाएँ

आई चिड़िया आले आई आई चिड़िया आले आई, आई चिड़िया बाल आई! चूँ-चूँ करती चिड़िया आई, दाब चोंच में दाना लाई। दाना आया, पानी आया,… Read More »बंधुरत्न की रचनाएँ

भोला पंडित प्रणयी की रचनाएँ

शीर्षक की तरह तुम हमारे संघर्षशील जीवन का सच आज नहीं तो कल अवश्य जान जाओगे हवा में तैरती ख़ुशबू की तरह। तुम्हारी उड़ान शून्य… Read More »भोला पंडित प्रणयी की रचनाएँ

भैरूंलाल गर्ग की रचनाएँ

मूँछे वाह-वाह ये काली मूँछें, लगती बड़ी निराली मूँछें। किसी-किसी की इंच-इंच भर, कुछ ने गज भर पाली मूँछें। कुछ लोगों के तो सचमुच की,… Read More »भैरूंलाल गर्ग की रचनाएँ

भूषण की रचनाएँ

इन्द्र जिमि जम्भ पर इन्द्र जिमि जंभ पर, बाडब सुअंभ पर, रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं। पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर, ज्यौं सहस्रबाह… Read More »भूषण की रचनाएँ

भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’की रचनाएँ

आदमी दिन में सूरज की रौशनी रात में बिजली की चकाचौंध आख़िर अंधेरा ! जाए तो जाए किधर ? सिमटकर दुबक गया अंधेरा आदमी के अन्दर और… Read More »भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’की रचनाएँ

भूपिन्दर बराड़ की रचनाएँ

मेरे पुरखे (एक) वे अड़े रहे अंत तक खड़े रहे अपनी खुरदरी जड़ें जमाए फ़सल कटने के बाद भी जैसे खेतों में खड़े रहते हैं… Read More »भूपिन्दर बराड़ की रचनाएँ

भूपराम शर्मा भूप की रचनाएँ

छंद भतरी गोवर्धनपुर है निवास मेरा, किंतु बाल-बाटिका में जीवन बिताता हूँ। ‘मास्टर जी,’ पंडित जी’,’ कवि जी’ बताते लोग, किंतु मैं तो मुंशी जी… Read More »भूपराम शर्मा भूप की रचनाएँ